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देवबंद के ईदगाह मैदान में 27 जनवरी को CAA , NPR और NRC के विराेध में महिलाओं का धरना शुरू हुआ था। लगातार इस धरने में महिलाओं की संख्या में इजाफा हो रहा था। प्रशासन पिछले कई दिनों से यह प्रयास कर रहा था कि धरना समाप्त हो जाए। कोरोना के खतरे को देखते हुए भी इस धरने को समाप्त किए जाने का दबाव बढ़ रहा था। यह भी पढ़ें
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जनता कर्फ्यू लगने से पहले तक धरने पर बैठी महिलाओं ने साफ कह दिया था कि उन्हें कोरोना से मरना मंजूर है लेकिन धरना समाप्त नहीं करेंगी। इसके बाद से जिला प्रशासन लगातार धरने पर बैठी महिलाओं से बातचीत कर रहा था। मुत्तहिदा ख्वातीन कमेटी की सदस्यों से सोमवार को सुबह से ही बात चल रही थी और देर शाम एसपी देहात विद्यासागर मिश्र व देवबंद उप जिलाधिकारी को सफलता मिल गई।
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महिलाओं ने सशर्त अपना धरना स्थगित कर दिया। इन महिलाओं ने एक समझाैता पत्र भी इस दौरान उपजिलाधिकारी और एसपी देहात पढ़कर सुनाते हुए साैंपा। इस पत्र में साफ लिखा है कि ”27 जनवरी से देवबंद के ईदगाह मैदान में मुत्तहिदा ख्वातीन कमेटी का जो सत्याग्रह चल रहा है उसे प्रशासन के भावनात्मक अनुरोध पर 4 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। यह निर्णय सामूहिक रूप से लिया गया है। सरकार की ओर से दिए गए निर्देशों और संक्रमण फैलने की आशंकाओं के बीच यह निर्णय हुआ है। 4 अप्रैल तक संक्रमण के अप्रभावी होने की तिथि के बाद एक बार फिर से ईदगाह मैदान पर धरना प्रदर्शन शुरू होगा और सीएए, एनपीआर व संभावित एनआरसी के वापसी होने तक अनिश्चितकालीन समय तक के लिए जारी रहेगा। मुत्तहिदा ख्वातीन कमेटी सत्याग्रह देवबंद, सांकेतिक ताैर पर सत्याग्रह स्थल यानी ईदगाह मैदान में बने पंडाल में अपने बुर्के और चूड़ियां 4 अप्रैल तक के लिए छोड़ कर जा रहा है। इस पत्र में आगे लिखा गया कि यदि प्रशासन ने धरना स्थल से उनके पंडाल, चूड़ियां या फिर बुर्के को हटाने या क्षतिग्रस्त करने की कोशिश की तो तुरंत सभी महिलाएं दोबारा से ईदगाह मैदान पहुंच जाएंगी और अपना सत्याग्रह दोबारा से शुरू कर देंगी।
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