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चले गए सुप्रसिद्ध गीतकार राजेंद्र राजन, हमेशा रहेंगी उनकी रचनाएं

locationसहारनपुरPublished: Apr 16, 2021 11:09:20 pm

Submitted by:

shivmani tyagi

साहित्य जगत में शोक की लहर मरने के बाद कोरोना रिपोर्ट आई पॉजिटिव

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हिंदी काव्य मंच के लोकप्रिय गीतकार राजेंद्र राजन

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क

सहारनपुर . हिंदी काव्य मंच के लोकप्रिय गीतकार राजेंद्र राजन का गुरुवार को कोरोना से निधन हो गया. 65 वर्षीय राजेंद्र राजन की रिपोर्ट उनके मरने के बाद पॉजिटिव आई. तीन दिन पहले वह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लौटे थे और अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई थी. हालत बिगड़ने पर उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने दम तोड़ दिया.
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सहारनपुर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले राजेंद्र राजन के निधन से साहित्य जगत में शोक फैल गया है. राजेंद्र राजन मूल रूप से शामली के कस्बा एएलएम के रहने वाले थे। 1980 में वह सहारनपुर आ गए थे और उसके बाद से ही आवास विकास में रह रहे थे। उनके पुत्र प्रशांत राजा ने बताया कि वह एक कवि सम्मेलन में लखनऊ गए थे और वहां से लौटने के बाद उनकी तबीयत खराब हुई थी।
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हालत बिगड़ने पर जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने फेफड़ों में इन्फेक्शन बताया। राजेंद्र राजन पहले से ही शुगर के मरीज थे। ऐसे में उनकी हालत बिगड़ती देख उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। भर्ती होने के समय राजेंद्र राजन का ऑक्सीजन लेवल 48 पर था और उन्हें सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी। एंटीजन किट से उनकी कोरोना जांच नेगेटिव आई। डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती करके उपचार शुरू किया लेकिन भर्ती होने के अगले दिन उनकी मौत हो गई इसके बाद उनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट आई जिसमें वह पॉजिटिव पाए गए। परिजनों का कहना है कि चिकित्सकों ने उन्हें बचाने का काफी प्रयास किया लेकिन वह नहीं बच सके।
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राजेंद्र राजन 40 वर्षों से साहित्य क्षेत्र में जाना माना नाम था। अपने सु-मधुर गीतों के लिए वह अलग ही पहचान रखते थे उनके कई काव्य संग्रह और ऑडियो जारी हो चुके हैं। दूरदर्शन, आकाशवाणी समेत राष्ट्रपति भवन के मंच पर भी राजेंद्र राजन कविता का पाठ कर चुके हैं। अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति यूएसए द्वारा उन्हें अमेरिका के 16 शहरों में हुए कवि सम्मेलन में कविता पाठ करने का अवसर मिला था। हिंदी उर्दू अकादमी से भी साहित्य श्री सम्मान के साथ-साथ उन्हें कन्हैयालाल मिश्र स्मृति पुरस्कार, महादेवी पुरस्कार, घनाना पुरस्कार समेत कई पुरस्कार मिल चुके हैं।

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