Lockdown में देवबंद दारुल उलूम ने जारी किया नया फतवा, इस तरह से कर सकते हैं गरीबों की मदद
Highlights
- कर्नाटक के शख्स ने देवबंद दारुल उलूम से किया था प्रश्न
- गरीब, मजबूर और जरूरतमंद लोगों की मदद का मामला
- लॉकडाउन में खाने—कमाने वाला तबका है परेशान

देवबंद। देश मे कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी फैली हुई है। इसको देखते हुए लॉकडाउन लागू किया गया है। इस संकट की घड़ी में देवबंद दारुल उलूम ने एक अहम फतवा जारी किया है। इस फतवे में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान लोगों का बैंक में जो पैसा जमा है, उस पर मिलने वाले ब्याज से गरीब, मजबूर और जरूरतमंद लोगों की मदद की जा सकती है।
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यह सवाल पूछा था
दारुल उलूम देवबंद से कर्नाटक के एक शख्स ने यह सवाल पूछा था। पूछा गया था कि उनकी मस्जिद के बैंक एकाउंट में जमा पैसे पर ब्याज की काफी रकम बनती है। लॉकडाउन के समय में जब खाने—कमाने वाला तबका बेहद परेशान और तंगहाल बना हुआ है तो ऐसे में क्या बैंक के ब्याज से मोहताज और परेशानहाल लोगों की मदद की जा सकती है।
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यह दिया जवाब
इसके जवाब में दारुल उलूम के मुफ्तियों की खंडपीठ ने निर्णय लेते हुए एक फतवा जारी किया है। अपने फतवे में उन्होने कहा कि बैंक में जमा रकम पर इंटरेस्ट के नाम से जो ब्याज दिया जाता है, वह शरीयत की नजर से ***** व नाजायज है। ब्याज की इस रकम को व्यक्तिगत रूप में या फिर मस्जिद के लिए इस्तेमाल करना सही नहीं है। अलबत्ता लॉकडाउन के दौरान ब्याज के इस पैसे को गरीब, मजबूर, तंगहाल और परेशान हाल लोगों को दिया जा सकता है। या फिर इस पैसे से उनको राशन खरीद कर देना चाहते है तो इसमें कोई हर्ज नहीं है। इससे दो फायदे हो जाएंगे एक तो आप ब्याज लेने से बच जाएंगे और दूसरे किसी जरूरतमंद लोगो की ज़रूरत भी पूरी हो जाएगी।
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