अपने भाई और भाभी के बनाए फर्जी हस्ताक्षर
सहारनपुर के रहने वाले डॉक्टर सुरेश सिंघल का कोतवाली सदर बाजार के बराबर में नर्सिंग होम है। इनके तीन भाई सुधीर, सुभाष और नरेश हैं। जानकारी के मुताबिक चारों भाइयों का बिलाल नाम के एक व्यक्ति से जमीनी विवाद चल रहा है। यह मामला न्यायालय में विचाराधीन था। आरोपों के मुताबिक इसी मामले में डॉक्टर सुरेश सिंघल इनके भाई सुनील सिंघल और सुभाष सिंघल समेत इनकी पत्नियाें सुधा सिंघल, स्नेह लता सिंघल और समलेश सिंघल ने अपने चौथे भाई नरेश सिंघल और इनकी पत्नी अर्चना सिंघल के फर्जी हस्ताक्षर तैयार करके न्यायालय में वादी के साथ सुलह नामा दाखिल कर दिया। आराेपाें के मुताबिक यह सुलहनामा फर्जी था और इस पर एक भाई और उनकी पत्नी की सहमति नहीं थी। इस तरह डॉक्टर सुरेश सिंघल और उनके भाइयों ने मिलकर फर्जी सुलह नामा तैयार करके न्यायालय की आंखों में धूल झोंकने का काम किया और न्यायालय से डिक्री हांसिल कर ली। जब नरेश सिंघल इस मुकदमे की पैरवी के लिए न्यायालय पहुंचे तो उन्हें इस गोलमाल का पता चला। इसके बाद उन्होंने पूरी घटना पुलिस को बताई और अब नरेश सिंघल की तहरीर पर ही पुलिस ने यह मामला दर्ज किया है।
सहारनपुर के रहने वाले डॉक्टर सुरेश सिंघल का कोतवाली सदर बाजार के बराबर में नर्सिंग होम है। इनके तीन भाई सुधीर, सुभाष और नरेश हैं। जानकारी के मुताबिक चारों भाइयों का बिलाल नाम के एक व्यक्ति से जमीनी विवाद चल रहा है। यह मामला न्यायालय में विचाराधीन था। आरोपों के मुताबिक इसी मामले में डॉक्टर सुरेश सिंघल इनके भाई सुनील सिंघल और सुभाष सिंघल समेत इनकी पत्नियाें सुधा सिंघल, स्नेह लता सिंघल और समलेश सिंघल ने अपने चौथे भाई नरेश सिंघल और इनकी पत्नी अर्चना सिंघल के फर्जी हस्ताक्षर तैयार करके न्यायालय में वादी के साथ सुलह नामा दाखिल कर दिया। आराेपाें के मुताबिक यह सुलहनामा फर्जी था और इस पर एक भाई और उनकी पत्नी की सहमति नहीं थी। इस तरह डॉक्टर सुरेश सिंघल और उनके भाइयों ने मिलकर फर्जी सुलह नामा तैयार करके न्यायालय की आंखों में धूल झोंकने का काम किया और न्यायालय से डिक्री हांसिल कर ली। जब नरेश सिंघल इस मुकदमे की पैरवी के लिए न्यायालय पहुंचे तो उन्हें इस गोलमाल का पता चला। इसके बाद उन्होंने पूरी घटना पुलिस को बताई और अब नरेश सिंघल की तहरीर पर ही पुलिस ने यह मामला दर्ज किया है।
मामले की जांच हो तो खुलेंगे कई और चौंका देने वाले राज
न्यायालय में फर्जी दस्तावेज जमा कराने वाला गिरोह सक्रिय है। इस घटना के सामने आने के बाद यह खुलासा हुआ है। सूत्रों की माने तो न्यायालय परिसर में ऐसे बहुत से लोग हैं जो फर्जी तरीके से जमानत के कागज तैयार कराते हैं और फर्जी तरीके से नाैटरी और अन्य कागजात भी तैयार कर लेते हैं। नरेश सिंघल अगर इस मामले में आवाज नहीं उठाते तो इसका भी पता नहीं चलता। हालांकि डॉक्टर सुरेश सिंघल का यही कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप गलत हैं उन्होंने कोई भी फर्जी हस्ताक्षर नहीं किए हैं लेकिन पुलिस की जांच के बाद ही अब यह पता चल पाएगा कि आरोपों में कितना दम है। फिलहाल इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि अगर इस मामले की अच्छी तरह से जांच की जाए तो न्यायालय परिसर में कथित रूप से बैठने वाले उन लोगों के चेहरे भी सामने आ जाएंगे जो फर्जी कागजात तैयार कराने में मदद करते हैं।