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Exclusive फर्जी कागजात से डिक्री हांसिल करने के आराेपाें में सहारनपुर के डॉक्टर दंपति पर मुकदमा दर्ज

locationसहारनपुरPublished: Nov 12, 2018 11:44:00 pm

Submitted by:

shivmani tyagi

डॉक्टर के भाई की तहरीर पर ही काेतवाली सदर बजार पुलिस ने किया मुदमा दर्ज, डॉक्टर दंपति समेत डॉक्टर के दाे अन्य भाई आैर उनकी पत्नियां भी नाजमद

Fir in Molestation case

छेड़खानी मामले में प्राथमिकी

सहारनपुर।

स्मार्ट सिटी सहारनपुर के एक वरिष्ठ डॉक्टर दंपति पर फर्जी हस्ताक्षर तैयार करके उन्हे न्यायालय में चल रहे मुकदमे में दाखिल कर डिक्री हांसिल करने के आरोप लगे हैं। इन आरोपों के तहत पुलिस ने डॉक्टर और इनकी पत्नी समेत 6 लोंगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। डॉक्टर के खिलाफ यह कार्रवाई सहारनपुर एसएसपी उपेंद्र अग्रवाल के आदेश पर हुई है। दरअसल जब वादी अपने मुकदमें की पैरवी के लिए न्यायालय में गया तो उसे पता चला कि उसके नाम से फर्जी हस्ताक्षर करके समझाैतानामा न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया गया था। यह देखकर वादी के पैरों तले से जमीन खिसक गई। इसके बाद वादी ने पुलिस की चौखट पर दस्तक दी और पूरी घटना बताते हुए डॉक्टर के खिलाफ तहरीर दी। इसी तहरीर के आधार पर डॉक्टर के खिलाफ यह कार्रवाई हुई है।
अपने भाई और भाभी के बनाए फर्जी हस्ताक्षर
सहारनपुर के रहने वाले डॉक्टर सुरेश सिंघल का कोतवाली सदर बाजार के बराबर में नर्सिंग होम है। इनके तीन भाई सुधीर, सुभाष और नरेश हैं। जानकारी के मुताबिक चारों भाइयों का बिलाल नाम के एक व्यक्ति से जमीनी विवाद चल रहा है। यह मामला न्यायालय में विचाराधीन था। आरोपों के मुताबिक इसी मामले में डॉक्टर सुरेश सिंघल इनके भाई सुनील सिंघल और सुभाष सिंघल समेत इनकी पत्नियाें सुधा सिंघल, स्नेह लता सिंघल और समलेश सिंघल ने अपने चौथे भाई नरेश सिंघल और इनकी पत्नी अर्चना सिंघल के फर्जी हस्ताक्षर तैयार करके न्यायालय में वादी के साथ सुलह नामा दाखिल कर दिया। आराेपाें के मुताबिक यह सुलहनामा फर्जी था और इस पर एक भाई और उनकी पत्नी की सहमति नहीं थी। इस तरह डॉक्टर सुरेश सिंघल और उनके भाइयों ने मिलकर फर्जी सुलह नामा तैयार करके न्यायालय की आंखों में धूल झोंकने का काम किया और न्यायालय से डिक्री हांसिल कर ली। जब नरेश सिंघल इस मुकदमे की पैरवी के लिए न्यायालय पहुंचे तो उन्हें इस गोलमाल का पता चला। इसके बाद उन्होंने पूरी घटना पुलिस को बताई और अब नरेश सिंघल की तहरीर पर ही पुलिस ने यह मामला दर्ज किया है।

मामले की जांच हो तो खुलेंगे कई और चौंका देने वाले राज
न्यायालय में फर्जी दस्तावेज जमा कराने वाला गिरोह सक्रिय है। इस घटना के सामने आने के बाद यह खुलासा हुआ है। सूत्रों की माने तो न्यायालय परिसर में ऐसे बहुत से लोग हैं जो फर्जी तरीके से जमानत के कागज तैयार कराते हैं और फर्जी तरीके से नाैटरी और अन्य कागजात भी तैयार कर लेते हैं। नरेश सिंघल अगर इस मामले में आवाज नहीं उठाते तो इसका भी पता नहीं चलता। हालांकि डॉक्टर सुरेश सिंघल का यही कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप गलत हैं उन्होंने कोई भी फर्जी हस्ताक्षर नहीं किए हैं लेकिन पुलिस की जांच के बाद ही अब यह पता चल पाएगा कि आरोपों में कितना दम है। फिलहाल इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि अगर इस मामले की अच्छी तरह से जांच की जाए तो न्यायालय परिसर में कथित रूप से बैठने वाले उन लोगों के चेहरे भी सामने आ जाएंगे जो फर्जी कागजात तैयार कराने में मदद करते हैं।
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