एससीएसटी की विशेष अदालत के आदेश पर अब इसी मामले में तत्कालीन प्रमुख सचिव ( Principal Secretary ) समाज कल्याण मनाेज कुमार व तत्कालीन सहारनपुर जिलाधिकारी आलाेक कुमार पांडेय के खिलाफ परिवाद दर्ज किया गया है। एडवाेकेट राजकुमार के अनुसार शब्बीरपुर के ही रहने वाले दल सिंह ने विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट वीके लाल की अदालत में अर्जी दी थी।
अपनी अर्जी में दल सिंह ने बताया था कि वह शब्बीरपुर में हई जातीय हिंसा के पीड़ित हैं। बड़गांव थाने में मुकदमा भी दर्ज है। दल सिंह ने बताया कि उन्हे समाज कल्याण की ओर से तीन लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई जबकि मुकदमें की धाराओं के अनुसार उन्हे 8.25 लाख रुपये का अनुदान मिलना चाहिए था। इसके अलावा उन्हे पांच हजार रुपये महीना की मूल पेंशन के साथ महंगाई भत्ता और बच्चों की स्नातक तक मुफ्त पढ़ाई और सरकार द्वारा पूर्ण वित्त पाेषित आवासीय स्कूलों में एडमिशन का लाभ मिलना खा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इस मामले में पीड़ित ने जिलाधिकारी से गुहार। इस पर जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने 17 जून 2020 काे प्रमुख सचिव समाज कल्याण काे पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई लेकिन काेई जवाब नहीं मिला। अब विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट वीके लाल ने अपने आदेशों में कहा है कि महामहिम के आदेशाें की अवमानना और एससीएसटी एक्ट की धारा 4 की अवमानना राजद्रोह की श्रेणी में आती है। इस आधार पर न्याायलय ने दाेनाें के विरूद्ध परिवाद के रूप में मामला दर्ज कर 19 नवंबर काे सुनवाई की तिथि तय की है।