चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस लीडर इमरान मसूद कांग्रेस को छोड़कर समाजवादी पार्टी में आ गए थे। इमरान मसूद के समाजवादी पार्टी में आने के बाद माना जा रहा था कि सहारनपुर में समाजवादी पार्टी को मजबूती मिलेगी। खुद इमरान मसूद दावा कर रहे थे कि सहारनपुर में सातों की सातों सीटें इस बार समाजवादी पार्टी जीतेगी और वह सातों सीटों पर मेहनत कर रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं हो सका। ।
सहारनपुर में इमरान मसूद मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण करने में असफल रहे। इमरान मसूद ने सबसे अधिक मेहनत नकुड विधानसभा सीट पर की थी। यहां पर उन्होंने भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाले मंत्री डॉक्टर धर्म सिंह सैनी के लिए पूरी ताकत लगा दी थी लेकिन चुनाव नतीजों में धर्म सिंह सैनी भी पास नहीं हो सके और यह सीट भी भाजपा के खाते में ही चली गई।
समाजवादी पार्टी को महज दो सीटें ही मिल सकी। इनमें पहली सीट बेहट विधानसभा और दूसरी सहारनपुर देहात विधानसभा है। अब चुनाव नतीजे के आने के बाद जो चुनावी बातें चल रही हैं उनमें लोगों का कहना है कि इमरान मसूद ने जिन दो सीटों पर मेहनत नहीं कि वो सीट समाजवादी पार्टी को मिल गई।