इधर इस मामले में 7 स्कूली बच्चों की हालात काफी बिगड़ी गई थी। जिन्हे इलाज के लिए मेरठ लाया गया। बच्चों को मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है। जहां इन बच्चों की हालत स्थिर बानी हुई है। जबकि एक बच्ची की हालत ज़्यादा ख़राब है। बच्चो के परिजनों का आरोप है कि शामली में बच्चो को उचित इलाज न मिल पाने के कारण उनकी तबियत ज्यादा बिगड़ी है
प्राथमिक जांच में सामने आए ये तथ्य
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने माैके पर जांकर जाे पड़ताल की उसमें प्राथमिक रूप से यह माना गया है कि, सर शादीलाल डिसट्रिक्ट शुगर मिल में मिथेन गैस का रिसाव हुआ था। मौके से टीम ने पाउडर लेकर उसे जांच के लिए लैब में भिजवाया है। प्रदूषण नियंत्रण बाेर्ड के अफसराें का कहना है कि यह पाऊडर मनुष्य के लिए कितना हानिकारक है इसका पता रिपाेर्ट के आने पर ही चल पाएगा। जब अब तक शामली की घटना में अन्य एजेंसियाें की अब तक की जांच आैर पड़ताल में सामने आए तथ्याें के बारे में सहारनपुर कमिश्नर दीपक अग्रवाल से जानकारी करना चाही ताे उन्हाेंने कहा कि, जाे एजेंसियां जांच कर रही हैं उन एजेंसियाें की आेर से भी काेई रिपाेर्ट उन्हें नहीं दी गई है। हालांकि मिल के प्रशासने इस घटना से पूरी तरह इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि गैस रिसाव के कारण बच्चों की हालत नहीं बिगड़ी है।
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने माैके पर जांकर जाे पड़ताल की उसमें प्राथमिक रूप से यह माना गया है कि, सर शादीलाल डिसट्रिक्ट शुगर मिल में मिथेन गैस का रिसाव हुआ था। मौके से टीम ने पाउडर लेकर उसे जांच के लिए लैब में भिजवाया है। प्रदूषण नियंत्रण बाेर्ड के अफसराें का कहना है कि यह पाऊडर मनुष्य के लिए कितना हानिकारक है इसका पता रिपाेर्ट के आने पर ही चल पाएगा। जब अब तक शामली की घटना में अन्य एजेंसियाें की अब तक की जांच आैर पड़ताल में सामने आए तथ्याें के बारे में सहारनपुर कमिश्नर दीपक अग्रवाल से जानकारी करना चाही ताे उन्हाेंने कहा कि, जाे एजेंसियां जांच कर रही हैं उन एजेंसियाें की आेर से भी काेई रिपाेर्ट उन्हें नहीं दी गई है। हालांकि मिल के प्रशासने इस घटना से पूरी तरह इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि गैस रिसाव के कारण बच्चों की हालत नहीं बिगड़ी है।