लाेकसभा चुनाव 2019 में कैराना लाेकसभा क्षेत्र की जनता ने भी स्वर्गीय भाजपा नेता बाबू हुकम सिंह के बाद प्रदीप चाैधरी पर भी भराेसा जाता औ उन्हे कैराना से सांसद चुन लिया। इस तरह खाली हुई गंगाेह विधान सभा सीट पर अब उप चुनाव (BY Election) हाे रहा है। इस बार यहां से भाजपा (BJP) कांग्रेस (Congres) बसपा (Bsp) और सपा (SP) प्रत्याशी के बीच मुकाबला है। रालाेद ने इस सीट पर समाजवादी पार्टी काे समर्थन दे दिया है।
कांग्रेस नेता इमरान मसूद के छाेटे भाई नाेमान मसूद और बसपा से चाैधरी इरशाद चुनाव मैदान में हैं। चुनावी चाैपालों पर चर्चाएं हैं कि दाे मुस्लिम प्रत्याशियों के चुनाव मैदान में हाेने का लाभ समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी काे मिल सकता है। यह अलग बात है कि इस बार गंगाेह उप चुनाव पर समीकरण फंसे हुए हैं और यही कारण है कि सभी पार्टियाें के प्रत्याशियाें की धड़कनें बढ़ी हुई हैं।
समीकरण ऐसे कि, बागी प्रत्याशी पर जताया भराेसा इस उप चुनाव में समाजवादी पार्टी ने बागी प्रत्याशी काे मैदान में उतारा है। दरअसल समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी चाैधरी इंद्रसैन पूर्व सांसद एवं मंत्री रह चुके चाैधरी यशपाल सिंह के बेटे हैं। चाैधरी यशपाल सिंह वेस्ट की राजनीति में और किसानों की राजनीति में बड़ा नाम रहा है। पिछली बार हुए विधान सभा चुनाव में भी चाैधरी यशपाल सिंह के बेटे इंद्र सैन चुनाव मैदान में उतरे थे लेकिन बाद में यह सीट सपा-कांग्रेस गठबंधन के चलते कांग्रेस के खाते में चली गई थी।
उस समय चाैधरी इंद्रसैन बागी हाे गए थे और उन्हाेंने अपना नामांकन वापस नहीं किया था। बाद में इंदसैन काे सपा से निष्कासित करा दिया गया था। निष्कासन के बावजूद इंद्रसैन चुनाव लड़े और 40 हजार से अधिक वाेट हांसिल कर अपनी मजबूत पकड़ काे साबित किया था। यही कारण रहा कि, एक बार फिर से सपा हाईकमान ने जिलाध्यक्ष रुद्र सैन के छाेटे बाई इंद्रसैन काे ही उप चुनाव के मैदान में उतारा है।
यह सभी पार्टियां और उनके प्रत्याशी अपना-अपना राग अलाप रही हैं लेकिन अब देखना यह हाेगा कि भाजपा अपनी इस सीट काे बचापाती है या फिर यह सीट किसके ह्स्से में आती है। गंगाेह विधान सभा सीट पर करीब 3 लाख 60 हजार मतदाता हैं। इनमें में महिला मतदाताओं की संख्या भी कम नहीं है। यानी इस सीट महिलाओं की वाेट भी निर्णायक स्थिति में रहेंगी।