सहारनपुर। रिक्शा के पैसे बचाकर घंटाघर से पैदल पुलिस लाईन पहुंची एक महिला से एप्लीकेशन टाईप करने के नाम पर टाईपिस्ट ने 60 रुपये ले लिए। इस एप्लीकेशन की पहली लाईन पढ़ते ही एसएसपी काे समझ गए किसी ने बढ़ा-चढ़ाकर लिखा है आैर महिला से पूछ बैठे कि एप्लीकेशन टाईप करने वाले कितने पैसे लिए। यह सुनते ही महिला की आंखे भर आई आैर उसने जाे जवाब दिया उसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
महिला ने एसएसपी उमेश कुमार श्रीवास्तव काे बताया कि एक पेज की इस एप्लीकेशन काे टाईप करने के लिए टाईपिस्ट ने उनसे 120 रुपये मांगे थे। किसी तरह 60 रुपये में एप्लीकेशन काे टाईप कराई है। महिला ने यह भी बताया कि उनके पास इतने पैसे नहीं थे। पैसाें की कमी के कारण वह घंटाघर से पुलिस लाईन तक पैदल आई थी, ताकि रिक्शा के पैसे बच जाएं। महिला की इस आप बीती काे सुनकर एसएसपी ने अपने स्टाफ काे निर्देश दिए हैं कि उनके कार्यालय के बाहर एक बाेर्ड लगवा दिया जाए, कि एप्लीकेशन टाईप कराने की जरूरत नहीं है उनके अॉफिस से ही साधारण कागज लेकर फरियादी अपनी बात लिखकर दे सकते हैं। इतना ही नहीं उन्हाेंने महिला काे यह भी बताया कि हाथ से लिखी गई साधारण एप्लीकेशन काे वह अधिक महत्वत्ता देते हैं।
जानिए कैसे काम करता है दलाल नेटवर्क
महिला के एसएसपी काे यह भी बताया कि जब वह पुलिस लाईन गेट पर थी ताे वहां एक आदमी ने उनसे पूछा कि क्या बात है। महिला ने उस आदमी काे अपनी बात बताई ताे उसी ने सलाह दी कि वह कलेक्ट्रेट कचहरी में चली जाएं आैर वहां पर बैठे टाईपिस्ट उनकी बढ़िया एप्लीकेशन तैयार कर देंगे। जिस पर तुरंत कार्रवाई हाेगी। इसके बाद महिला कलेक्ट्रेट में एप्लीकेशन टाइप कराने के लिए गई। यानि साफ है कि कैसे दलालाें का नेटवर्क सक्रिय है। जाे ग्रामीण क्षेत्राें से आने वाले भाेले-भाले लाेगाें से एप्लीकेशन के नाम पर 100 से 500 रुपये तक ले लेता है। पिछले वर्ष एक मामला सामने आया था, जिसमें टाईपिस्ट ने एप्लीकेशन टाईप करने के एवज में फरियादी से 500 रुपये ले लिए थे।