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दिव्यांग हुए पिता के लिए इंजीनियर बेटे ने किया एेसा अविष्कार, अब करते हैं हवा से बातें

locationसहारनपुरPublished: Oct 14, 2018 09:03:24 pm

Submitted by:

shivmani tyagi

इंजीनियर बेटे ने बुजुर्ग के पिता ने लिए बनाई इंकाेफ्रैंडली स्कूटी, बैट्री से चलने वाली यह स्कूटी एक बार में चार्ज हाेकर 65 किलाेमीटर तक जाती है।

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सहारनपुर।

एक्सीडेंट में अपना हाथ खाे चुके बुजुर्ग पिता के लिए सहारनपुर के इंजीनियर बेटे का यह अविष्कार नजीर बन गया है। जब बेटे ने देखा कि पिता अपना एक हाथ खाेने के बाद काेई भी वाहन नहीं चला पा रहे हैं ताे यह देखकर इंजीनियर बेटे ने पिता के लिए एक एेसा स्कूटर बनाने की साेची जिसे बुजुर्ग पिता आराम से चला सकें आैर ड्राईविंग लाईसेंस की जरूरत भी ना हाे। रुपाली विहार के रहने वाले इंजीनियर शिवआेम वर्मा ने अपने पिता वेद प्रकाश वर्मा के लिए बैट्री से चलने वाली स्कूटी बनाई। इस स्कूटी के पिछले हिस्से में दाे पहिए लगाए हैं आैर 12-12 वाेल्ट की चार छाेटी बैट्रियाें का प्रयाेग किया गया है। 250 वॉट की माेटर काे जब यह बैट्रियां चलाती हैं ताे यह स्कूटी 25 किलाेमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दाैड़ती है। खास बात यह है कि एक बार चार्ज करने के बाद यह स्कूटी 65 किलाेमीटर तक का सफर तय करती है।
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दाे माह में तैयार हुई स्कूटी

इंजीनियर शिवआेम वर्मा बताते हैं कि इस स्कूटी काे तैयार करने में उन्हे करीब दाे माह का समय लग गया। वह एपीआई नाम की थ्रीव्हीलर निर्माता कंपनी में मैनेजर हैं आैर अपनी कंपनी में ही उन्हाेंने यह स्कूटी तैयार की है। दीवाली से पहले रविवार काे शिवआेम वर्मा इस स्कूटी काे लेकर अपने घर पहुंचे आैर जब पहली बार उन्हाेंने पिता काे बताया कि अब वह बाजार जाने के लिए स्वतंत्र हैं आैर तीन पहियाें वाली इस स्कूटी पर वह आसानी से शहर घूम सकते हैं ताे पिता के आंखे भार आई। कारण भी था, भला इस कलियुग में एेसे बेटे मिलता कहा हैं।
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महज 40 हजार की लागत से हुई तैयार

इंजीनियर शिवआेम वर्मा बताते हैं कि इस स्कूटी काे डिजाईन करने से लेकर बैट्री आैर माेटर का कुल खर्च अभी तक करीब 40 हजार आया है। शिवआेम यह भी बताते हैं कि अगर इस स्कूटी में लिथियम बैट्री का प्रयाेग किया जाए ताे यह अधिक रफ्तार के साथ-साथ अधिक किलाेमीटर का सफर भी एक बार में ही तय कर सकेगी।
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