दारुल उलूम अशरफिया के मोहतमिम मौलाना सालिम अशरफ कासमी से जब पत्रिका टीम ने पूछा कि सरकार के इस फैसले से आप कितने सहमत हैं ताे उन्हाेंने कहा कि मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ मदरसों को छोड़ कर प्राइमरी स्कूलों पर
ध्यान दें। वहां हालात बेहद खराब हैं। बच्चाें के बैठने के लिए स्थान नहीं है, बच्चे नीचे बैठकर पढ़ रहे हैं। बाेले कि प्रदेश सरकार के इस तरह के फैसलों से हम सहमत नहीं है।
इसकी वजह यह है कि इस तरह के आदेश से दाेहरे रुख की बू आती है। अगर मुख्यमंत्री को शिक्षा की तरफ इतना ही ध्यान देना है ताे प्राईमरी स्कूलाें पर ध्यान दें। आज हमारा प्राइमरी निजाम पूरी तरह से तबाही के कगार पर है। ना वहां बैठने के इंतजामात हैॆ और बच्चे टूटी फूटी चटाइयों पर बैठकर पढ़ने के लिए मजबूर हैं आैर शिक्षकों का भी अच्छा निजाम नही है। इसलिए आप अपने सरकारी बजट को वहां खर्च करने के लिए इस्तेमाल करें ताकि हमारा बुनियादी स्ट्रक्चर मजबूत हो सके। माैलाना ने यह भी कहा कि मदरसाें में काैम के दस्तूराें का पालन किया जाता है। चेतावनी भरे शब्दाें में उन्हाेंने यह भी कहा कि अगर आप जिद बंदी पर आये और ख़ास किसी कौम को टारगेट करके और हकुमत के सहारे पर मदरसों को टारगेट किया ताे ये अच्छी बात नही हाेगी यह भाई चारे को भंग करने वाला अम्ल है जिससे हमारी सरकार को बचना चाहिए।
बतादें कि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने मदरसों में
एनसीईआरटी किताबों से पढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे मदरसा बाकी सारे आधुनिक विषयों के साथ स्कूलों के संग बराबरी कर पाएंगे।