आखिर कौन खा रहा था इन बच्चों का राशन
इस रिपोर्ट के बाद बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि आखिर उत्तर प्रदेश में इन बच्चों के नाम पर कौन राशन खा रहा था। उत्तर प्रदेश को कुपोषण मुक्त कराने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों से कई योजनाएं संचालित होती हैं। मुख्य रूप से आंगनवाड़ी केंद्रों पर उन बच्चों को पढ़ाया लिखाया जाता है और खाना दिया जाता है जिनके माता-पिता गरीब हैं और काम पर जाते हैं। ऐसे बच्चे समय पर भोजन ना मिलने से कुपोषण का शिकार हो जाते हैं देश का भविष्य कुपोषित ना हो जाए इसी उद्देश्य के साथ उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्याें में भी आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। अब यूपी के आंगनवाड़ी केंद्रों पर घोटाला सामने आने पर बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि क्या भ्रष्टाचारी मासूम बच्चों पर भी हावी हो गई है।
प्रत्येक बच्चे के लिए करीब ₹5 देती है सरकार
आंगनवाड़ी केंद्रों पर हर रोज एक बच्चे के लिए सरकार करीब ₹5 खर्च करती है। इन ₹5 में बच्चों के लिए पोषक भोजन तैयार किया जाता है। इसमें केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारें मदद करती हैं। इन आंगनवाड़ी केंद्रों का उद्देश्य यही है कि गरीब बच्चों को पोषक भोजन मिल सके। इन केंद्राें पर बच्चाें काे पढ़ाई भी कराई जाती है। सहारनपुर जिलाधिकारी आलोक कुमार ने इस बाबत पूछने पर बताया कि हाल ही में उन्होंने भी आंगनवाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया था और बच्चों को सही भोजन सही समय पर दिए जाने के निर्देश जारी किए गए थे। अब यह मामला सामने आने के बाद एक बार फिर से आंगनवाड़ी केंद्रों पर निरीक्षण कराया जाएगा और वहां दर्ज बच्चों की ग्राउंड रिपोर्ट भी तैयार कराई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक जो बच्चे आंगनवाड़ी केंद्रों तक नहीं पहुंच रहे हैं उन्हें भी आंगनवाड़ी केंद्रों तक लाने और ऐसे बच्चों का सर्वे कर उन्हें एडमिशन देने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।