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UP निकाय चुनाव एग्जिट पोल- मुस्लिमों का बदला मूड, इस पार्टी को मिलेगा फायदा

locationसहारनपुरPublished: Nov 30, 2017 01:05:15 pm

Submitted by:

sharad asthana

उत्‍तर प्रदेश के निकाय चुनाव में बागियों से भाजपा को नुकसान होने की आशंका, मतदाताओं के नामों में गड़बड़ी से भी हो सकता है बड़ा घाटा

up nikay chunav 2017
शिवमणि त्यागी, सहारनपुर। इतिहास में पहली बार बनने जा रहे सहारनपुर मेयर के चुनाव के नतीजे भी ऐतिहासिक होंगे। यहां कांग्रेस और हाथी के बीच के वोटों के धुंधले अनुपात पर एग्जिट पोल का ग्राफ भी मजबूती से खड़ा नहीं हो पा रहा। अब अनुमान यही लगाया जा रहा है कि अगर कांग्रेस ने हाथी को रोकने में सफलता पा ली और साइकिल इतनी भी चल गई, जितना सहारनपुर में साइकिल ट्रैक है तो मेयर का ताज भाजपा प्रत्याशी के सिर पर सजना तय है। यह अलग बात है कि बागियों से भाजपा को नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। साथ ही जिस तरह से मतदाता सूचियों से मतदाताओं के नामों में गड़बड़ी मिली, उससे भाजपा को काफी बड़ा नुकसान हो सकता है। अगर यहां भाजपा को नुकसान होता है तो इसका सीधा फायदा बसपा प्रत्याशी हाजी फजलुर्रहमान या कांग्रेस प्रत्याशी शशि वालिया को जा सकता है।
…तो क्या कुरैशी बिरादरी के डर ने रोका हाथी की मस्त चाल को
मतदान के बाद मुस्लिम मोहल्लों में चाय की दुकानों पर चर्चा है कि कुरैशी बिरादरी के युवाओं के रवैये ने हाजी फजलुर्रहमान यानि हाथी को नुकसान पहुंचाया है। मतदान से तीन दिन पहले रेंच के पुल पर हुआ विवाद भी सहारनपुर के मेयर के लिए एक ऐतिहासिक घटना साबित होने जा रहा है। चर्चाएं हैं कि अगर सहारनपुर में बसपा हारती है तो बसपा प्रत्याशी हाजी फजलुर्रहमान की हार के लिए रेंच के पुल पर हुआ यह विवाद बड़ा कारण बनेगा।
मतदान के दूसरे पहर में बदला मुस्लिम मतदाता
चर्चाए हैं कि मतदान के शुरुआती घंटों में मुस्लिम इलाकों में हाथी मस्त चाल चला, लेकिन दोपहर 12 बजे के बाद हाथ के पंजे ने हाथी की रफ्तार को रुकने का इशारा करते हुए मंद कर दिया। इसके बाद वोट इमरान मसूद के चेहरे पर कांग्रेस प्रत्याशी शशि वालिया की ओर भी डले।
देवबंद में त्रिकोणीय टक्कर
नगर पालिका देवबंद में त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है। यहां सपा, भाजपा और बसपा के बीच बराबर की टक्कर का अनुमान है। यहां भाजपा के प्रत्याशी महेंद्र सैनी को हिंदू इलाकों में हुए कम मतदान प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ सकता है। देवबंद कस्बे में जातीय समीकरणों का लाभ समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी बाबू अहमद को मिल सकता है। अगर यहां बसपा और भाजपा को अच्छे वोट मिलते हैं तो इसका सीधा लाभ बाबू अहमद उठा लेंगे। भाजपा प्रत्याशी महेंद्र सैनी को यहां तीसरे नंबर पर माना जा रहा है। जातीय समीकरणों का उतार-चढ़ाव ऐसा है कि अगर गड़बड़ हुई तो तीसरा प्रत्याशी भी पहले नंबर पर आ सकता है।
गंगोह में मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच
गंगोह नगर पालिका में मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच माना जा रहा है। यहां अब एग्जिट पोल को इस तरह से देखा जा रहा है कि अगर निर्दलीय प्रत्याशी सलीम कुरैशी और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी असदुल्ला अजमेरी को अगर अच्छे वोट मिल जाते हैं तो यहां भाजपा का रास्ता साफ हो जाएगा। कांग्रेस यहां लंबे समय से जीतती आई है तो इसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। अगर यहां समीकरण उलट-पलट हुए तो इसका लाभ समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को भी मिल सकता है।
ननोता में कांग्रेस और बसपा के बीच टक्कर
ननोता नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर कांग्रेस और बसपा की टक्कर मानी जा रही है। यहां निर्दलीय प्रत्याशी शाह जमाल खान को अगर अच्छे वोट मिल जाते हैं तो यहां भी भाजपा को जीत मिल सकती है।
नकुड़ में कमल और हाथी के बीच लड़ाई
नुकुड़ नगर पालिका अध्यक्ष पद पर भाजपा और बसपा के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है। यहां भाजपा की बागी प्रत्याशी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को गच्चा दे सकती हैं। अगर यहां भाजपा की बागी प्रत्याशी को अच्छे वोट मिले तो पार्टी को नुकसान होगा और इसका सीधा फायदा बसपा प्रत्याशी को जा सकता है।
अंबेटा पंचायत में हाथी और कांग्रेस के बीच चुनाव
अंबेटा पंचायत में मुख्य मुकाबला बसपा प्रत्याशी रानी सैनी और कांग्रेस प्रत्याशी गुलशन आशा कर के बीच है। भाजपा प्रत्याशी बबीता कश्यप को यहां चुनावी मैदान से बाहर माना जा रहा है और आशंका जताई जा रही है कि यहां भाजपा बहुत शानदार हार ले सकती है।
बेहट में बसपा, सपा और भाजपा मुकाबले से बाहर
बेहट नगर पंचायत में बसपा, सपा और भाजपा को मुकाबले से बाहर माना जा रहा है। यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी संजीव उर्फ बॉबी कर्णवाल और निर्दलीय प्रत्याशी नफीस अहमद के बीच माना जा रहा है। अगर यहां बॉबी कर्णवाल के वोट बसपा और सपा काट लेती है तो यह पहली सीट होगी, जहां पर निर्दलीय प्रत्याशी के सिर पर ताज बंद होगा और सभी दिग्‍गज पार्टियों के प्रत्याशियों को हार मिलेगी।
सरसावा में भाजपा और कांग्रेस के बीच जंग
सरसावा नगर पालिका पर मतदाताओं ने वोटों की खूब बरसात की और यहां सर्वाधिक 81.46 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान प्रतिशत बढ़ने से यहां भाजपा को मजबूती मिली है। मुख्य रूप से सरसावा नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है। ऐसे में अगर बसपा को अच्छे वोट मिलते हैं तो इसका सीधा फायदा भाजपा को होगा और बसपा अगर यहां कमजोर रहती है तो इसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा।
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