दरअसल देवरिया से विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने 40 से 50 सेकंड का वीडियो ट्वीट किया था। इसमें लिखा था कि उपद्रवियों को रिटर्न गिफ्ट। इस वीडियो में कुछ लोगों को पुलिस कस्टडी में पीटा जा रहा है। पुलिस वाले लाठियों से लोगों को पीट रहे हैं और यह वीडियो ट्वीट होने के बाद तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और इस वीडियो को लेकर राजनीति गरमा गई। पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए गए ? रामपुर से इस वीडियो के खिलाफ मानव अधिकार आयोग को भी लिखा गया और मानव अधिकार आयोग ने भी इस वीडियो का संज्ञान ले लिया है। पूरे मामले में जांच कराने के आदेश दिए हैं लेकिन इसी बीच सहारनपुर एसएसपी आकाश तोमर ने साफ कह दिया है कि यह वीडियो सहारनपुर का नहीं है। इससे पहले उन्होंने इस वीडियो के बारे में कोई भी जानकारी नहीं होने की बात कही थी लेकिन अब जब इस वीडियो से राजनीति गरमा गई है और इस वीडियो पर सवाल खड़े हो रहे हैं पुलिस कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं तो फिलहाल एसएसपी ने इस वीडियो के सहारनपुर की नहीं होने की बात कही है। अब सवाल यह है कि आखिर यह वायरल वीडियो कहां का है ? अगर यह वीडियो सहारनपुर का नहीं है तो फिर से सहारनपुर का वीडियो बता कर क्यों वायरल किया गया ? इसके पीछे क्या वजह रही ? और वीडियो जहां का भी है वहाँ नके पुलिसवालों पर अब क्या कार्रवाई होगी।