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इस गांव में खुले में शाैच जाने वाले युवा पेश करने जा रहे नजीर

locationसहारनपुरPublished: Sep 18, 2017 10:58:56 am

Submitted by:

lokesh verma

वेस्ट यूपी के इन गांवाें में त्यागी समाज के युवाआें ने उठाया खुले में शौचमुक्त करने का बीड़ा

saharanpur
शिवमणि त्यागी, सहारनपुर. जरा साेचिए, जिस गांव में युवा ही खुले में शाैच जाते हाें क्या उस गांव काे खुले में शाैच से मुक्त कराया जा सकता है, क्या उस गांव के बुजुर्ग खुले में शाैच बंद कर सकते हैं? आप कहेंगे नहीं, लेकिन वेस्ट यूपी के एक गांव के युवा एेसी ही नजीर पेश करने जा रहे हैं। हम बात कर रहे हैं शहर से सटे गांव तिवड़ा जुनारदार की। इस गांव की युवा शक्ति ने बीड़ा उठाया है अपने गांव काे खुले में शाैच से मुक्त कराएंगे। इतना ही नहीं इसी गांव के एक युवा ने पत्रिका के कैमरे के सामने कबूला कि वह कल तक खुले में शाैच करता था, लेकिन अब वह खुद शाैचालय का इस्तेमाल करेगा आैर इसकी शुरुआत अपने आप से करते हुए गांव के सभी लाेगाें काे खुले में शाैच करने से मना करेगा और उन्हें जागरूक भी करेगा।
यह बीड़ा अकेले तीवड़ा जुनारदार के रहने वाल पंकज ने नहीं उठाया है, बल्कि इस गांव की युवा शक्ति आैर एक जुट हाे गई है। अच्छी बात यह है कि युवा शक्ति के इस जाेश काे गांव के बुजुर्गाें का समर्थन है आैर बकायदा गांव में एक बड़ी पंचायत बुलाकर युवा शक्ति ने यह आह्वान किया आैर यहां माैजूद बुजुर्गाें ने उन्हें इस काम के लिए आगे आने के लिए कहा आैर यह भराेसा दिलाया कि इस नेक काम में गांव के सभी लाेग उनके साथ हैं। यह अभियान तीवड़ा जुनारदार के साथ-साथ इसी गांव से सटे बाेंदकी गांव में भी शुरू हाेने जा रहा है। बाेंदकी गांव में भी इसी तरह से युवाआें की एक पंचायत बुलाई गई। इस पंचायत में भी युवा शक्ति शामिल रही आैर युवा शक्ति ने यह बीड़ा उठाया कि वह अपने गांव काे खुले में शाैच से मुक्त कराएंगे।
घर में शाैचालय फिर भी जाते हैं खुले में शाैच

पत्रिका टीम ने जब इन गांव में जाकर गांव के लाेगाें से बात की ताे पता चला कि दाेनाें गांव में करीब 90 फीसदी घराें में शाैचालय हैं। बावजूद इसके 30 फीसदी लाेग खुले में शाैच करने जाते हैं। इनमे महिलाएं भी शामिल हैं। जब हमने यहां गांव के लाेगाें से इसका कारण पूछा ताे पता चला कि लाेगाें के दिमाग में यह साेच घर कर गई है कि यदि वह शाैचालय में बैठेंगे ताे उनका पेट साफ नहीं हाेगा। आपकाे यह जानकर हैरानी हाेगी कि बुर्जुगाें के साथ-साथ कुछ युवाआें में भी एेसी ही साेच देखने काे मिली। यह अलग बात है कि अब इन दाेनाें गांवाें काे लाेगाें ने इसी साेच काे बदलने का बीड़ा उठाया है।
त्यागी समाज ने उठाया बीड़ा

सहारनपुर शहर बेहट राेड पर पड़ने वाले गांव बाेंदकी आैर तिवाड़ा जुनारदार के लाेगाें ने यह बीड़ा राष्ट्रीय त्यागी युवा संघ के बैनर तले उठाया है। त्यागी संघ की इन दाेनाें गांवाें में हुई बैठकाें में समाज की कुरीतियाें पर चर्चा हुई ताे सबसे पहले यही सामाजिक मुद्दा सामने आया। युवाओं ने कहा कि उनके गांव में आज भी लाेग खुले में शौच करते हैं। इसके बाद उन्होंने निर्णय लिया कि एेसे लाेगाें काे जागरुक करेंगे और सुबह उठकर हाथ जोड़कर ऐसे लोगों से प्रार्थना करेंगे जो खुले में शौच करने जाते हैं। युवाआें ने यह भी निर्णय किया कि गांव में सर्वे करेंगे आैर जिन घराें में शाैचालय नहीं हैं या फिर जिन घराें के शाैचालय हाेने के बावजूद भी लाेग खुले में शाैच जाते हैं एेसे परिवाराें की सूची संगठन के माध्यम से जिलाधिकारी आैर मुख्य विकास अधिकारी सहारनपुर काे भिजवाई जाएगी।
इन्हाेंने लिया है संकल्प

गांव बाेंदकी में नितिश त्यागी के आवास पर हुई बैठक में मुख्यरूप से संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ईशान त्यागी, जिला अध्यक्ष भास्कर त्यागी, महानगर अध्यक्ष मनु त्यागी, महानगर उपाध्यक्ष आशीष त्यागी, जिला उपाध्यक्ष ऋषभ त्यागी, प्रचार मंत्री नितिश त्यागी, जिला सचिव शिवम त्यागी आैर संगठन मंत्री राहुल त्यागी के अलावा इसी गांव के राकेश त्यागी, निति त्यागी, शिव त्यागी माैजूद रहे। इनके अलावा तीवड़ा में हुई बैठक में संगठन के पदाधिकारियाें के अलावा ग्राम प्रधान निकेश त्यागी, विपिन त्यागी, चाैधरी सलेख चंद त्यागी, नवीन त्यागी, समेत त्यागी बिरादरी के बड़ी संख्या में युवा आैर बुजुर्ग माैजूद रहे। इस माैके पर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इन दाे गांव से शुरुआत हुई है अभियान सफल हाेने के बाद जिले के दूसरे गांवाें में आैर फिर अभियान काे प्रदेश स्तर पर चलाया जाएगा।

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