महिलाओं के प्रति अपराध घटे
सूबे में महिला उत्पीडऩ की घटनाओं में आश्चर्यजनक गिरावट आई है। इन दिनों इस तरह के अपराध 66 प्रतिशत कम हो गए हैं। इसी तरह दुष्कर्म की घटनाएं भी 56 प्रतिशत कम हो गई। वहीं सामान्य अपराध में 81 प्रतिशत की गिरावट आई है। हालांकि शुरुआती दौर में महिलाओं के प्रति अपराध में बढ़ोत्तरी पाई गई थी। ये आंकड़े 15अप्रैल के बाद सुखद संकेत दे गए हैं।
पिछले साल की तुलना में बड़ी गिरावट
वर्ष 2019 की तुलना में इस बार लॉकडाउन के बीच अपराध के ग्राफ में बड़ी गिरावट आई है। कई सालों बाद यह बड़ा अंतर सामने आया। पिछले वर्ष इन्हीं दिनों के क्राइम ग्राफ से तुलना करने पर संज्ञेय अपराध में 26 प्रतिशत, डकैती में 80, लूट में 72, चोरी में 68, गृहभेदन में 44, महिला उत्पीडऩ में 66, एससी/एसटी अपराध में 17, तथा सड़क दुर्घटनाओं में 66 प्रतिशत की कमी आई है। मार्च में 49 हत्याएं हुईं तो अप्रैल 2020 में यह संख्या मात्र 29 पर रह गई। साइबर क्राइम की संख्या भी घटी। इस दौरान मात्र 12 घटनाएं हुई हैं। सीमांचल के जिलों में चोरी की 188 घटनाएं 15 मार्च तक हुई थीं जोकि इस दौरान मात्र 116 हुई हैं।
प्रदूषण का स्तर भी काफी घटा
लॉकडाउन में ध्वनि प्रदूषण और वातावरण के प्रदूषण में भी भारी कमी आई है। 20 मार्च तक आवोहवा में प्रदूषण की मात्रा 201 पीपीएम (पी.एम 2.5 लेवल) घटकर 02 मई को 58 पीपीएम रह गया है। ध्वनि प्रदूषण भी आश्चर्यजनक रूप से कम हुआ। पटना समेत सभी शहरों की सड़कों पर वाहनों के कानफाड़ू शोर गायब ही हो गए। नदियों और जलाशयों में जल प्रदूषण की मात्रा में भारी सुधार हुआ है।
इस स्थिति का स्वागत करना होगा
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने प्रदूषण में कमी को स्वास्थ्य के लिए बेहतर बताते हुए इसका आकलन किया है। सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कम आपराधिक आंकड़ों पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि संयमित और शांत रहकर हम जीवन को सरल साध्य बना सकते हैं, यह सिद्ध हो गया है। सूबे के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने अपराध में भारी गिरावट को लेकर पुलिसकर्मियों और सूबे की जनता को धन्यवाद देते हुए कहा कि लॉकडाउन में शांत सौम्य रहकर यह संभव हो पाया है।