scriptपेड़ के नीचे निढाल पड़े श्रमिक ने शोर मचा गांववालों को आगाह किया | The laborers who crawled under the tree warned the villagers | Patrika News

पेड़ के नीचे निढाल पड़े श्रमिक ने शोर मचा गांववालों को आगाह किया

locationसमस्तीपुरPublished: Apr 24, 2020 10:39:52 pm

Submitted by:

Yogendra Yogi

( Bihar News ) उत्तर प्रदेश से ट्रक में लदकर किसी ( Fake arrangement of Corona ) तरह गांव पहुंचे एक मजदूर ने सरकारी केंद्रों पर (Government hospital evade patient ) कोरोना जांच करने की गुहार लगाई पर उसे हर जगह टरका दिया गया। हारकर वह एक पेड़ के नीचे निढाल पड़ गया और खुद से दूर रहने का शोर मचाकर गांववासियों को जमा कर लिया तब जाकर मेडिकल टीम पहुंची।

पेड़ के नीचे निढाल पड़े श्रमिक ने शोर मचा गांववालों को आगाह किया

पेड़ के नीचे निढाल पड़े श्रमिक ने शोर मचा गांववालों को आगाह किया

समस्तीपुर(बिहार)प्रियरंजन भारती: ( Bihar News ) मुख्यमंत्री नीतिश कुमार कोरोना से बचाव ( Fake measurment of Corona ) के उपायों चाहे जितने दम भरना ( Fake arrangement of Corona ) चाहें भर लें पर यह सच है कि बिहार में सरकार के सारे काम मनमाने तरीके से ही चल रहे हैं। उत्तर प्रदेश से ट्रक में लदकर किसी तरह गांव पहुंचे एक मजदूर ने सरकारी केंद्रों पर (Government hospital evade patient ) कोरोना जांच करने की गुहार लगाई पर उसे हर जगह टरका दिया गया। हारकर वह एक पेड़ के नीचे निढाल पड़ गया और खुद से दूर रहने का शोर मचाकर गांववासियों को जमा कर लिया तब जाकर मेडिकल टीम पहुंची।

सहारनपुर से पैदल आया
यूपी से ट्रक में छिपकर मजदूर किसी तरह बछवाड़ा पहुंचा। उसने बछवाड़ा प्रखंड में कोरोना जांच कराने की गुहार लगाई। पर उसे स्वास्थ्य केंद्र जाने को कह दिया गया।फिर वहां से जब स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा तो दलसिंहसराय जाने के सुझाव दे दिए गए। वह बछवाड़ा से पैदल ही चलते हुए दलसिंहसराय पहुंचा और अस्पताल जाकर जांच की दरख्वास्त की। पर यहां भी उसे टाल दिया गया।

अस्पतालों से टरकाया, पेड़ के नीचे निढ़ाल
कहीं भी जांच नहीं हो पाने पर वह हारकर पैदल चलते हुए अपने गांव मालपुर पहुंच गया। घर जाने की बजाय गांव से बाहर ही एक पेड़ की छांव में निढाल पड़ गया। गांव वाले जब पास आए तो शोर मचाकर सबों को यह कहते दूर रहने की सलाह दी कि वह कोरोना मरीज हैं। वह चिल्लाने लगा, दूर हटो,मैं कोरोना मरीज हूं। उसके शोर मचाने पर भीड़ बढ़ती गई। गांववासियों ने फिर मेडिकल टीम को खबर दी। तब जाकर टीम ने थर्मल स्क्रीनिंग की और जांच के लिए ब्लड सैंपल ले गई। जांच रिपोर्ट आने पर पता चलेगा कि वह सचमुच पॉजिटिव है या कोरोना निगेटिव।

सरकारी दावे खोखले
किसी तरह घर पहुंचे इस 35 वर्षीय मजदूर ने नीतीश कुमार के लॉकडाउन के मयार्दाओं की दुहाई देकर किसी को भी घर नहीं आने देने और कोरोना के खिलाफ अभियान में सरकारी महकमों की तैयारियों खासकर स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खोलकर रख दी है। गांव के लोग यदि तत्परता नहीं दिखाते तो सरकारी अस्पतालों के चक्कर लगा लगाकर वह हार चुका होता।

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