दरअसल, कैला देवी थाना इलाके के मुबारकपुर गांव के निवासी रामनिवास का शव खून से लथपथ हालत में 12 मार्च को संभल गंवा मार्ग पर पड़ा हुआ मिला था। मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। रामनिवास के शव की हालत को देखकर उसकी हत्या कर शव फेंके जाने की आशंका जताई जा रही थी।
सीओ अनुज चौधरी के नेतृत्व में कैला देवी थाना पुलिस ने जांच पड़ताल आगे बढ़ाई तो हत्या करके फेंके जाने का शक हकीकत में बदल गया और परत दर परत घटना को अंजाम देने वाले हत्यारों से लेकर हत्या की साजिश रचने वाली मृतक की पत्नी का नाम पुलिस के सामने आ गया। जिसके बाद पुलिस ने मृतक की पत्नी राजवती, राजवती के प्रेमी विजय सिंह और एक जन सेवा केंद्र संचालक रामकिशन को गिरफ्तार कर लिया। पहले तो तीनों ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की लेकिन कड़ाई से पूछताछ और सबूत दिखाने पर वो टूट गए और अपना जुर्म कुबूल कर लिया।
पुलिस को हत्यारोपियों से पूछताछ में पता चला कि मृतक रामनिवास के पिछले काफी समय से बीमारी से पीड़ित होने के कारण उसकी पत्नी राजवती के प्रेम संबंध गांव के ही राशन डीलर के भाई विजय सिंह के साथ हो गए थे। दोनों के बीच प्रेम प्रसंग के चलते ही विजय सिंह अक्सर राजवती को फ्री राशन भी देता था। विजय से प्रेम प्रसंग के चलते राजवती अपने पति रामनिवास के साथ नहीं रहना चाहती थी। ऐसे में राजवती ने विजय से अपने पति रामनिवास को रास्ते से हटाने की बात की। जिसपर प्रेमी विजय ने राजवती को अपने पति का बीमा कराकर बीमा राशि हड़पने के बाद रास्ते से हटाने की सलाह दी।
राजवती ने प्रेमी विजय सिंह की सलाह मानते हुए कस्बे में स्थित जन सेवा केंद्र संचालक रामकिशन से सेटिंग करके बीमार पति रामनिवास का 20 लाख रुपये का बीमा करवाया। ये बीमा 3 महीने पहले कराया गया था। बीमा राशि हड़पने की पूरी प्लानिंग करने के बाद रामनिवास की पत्नी राजवती और उसके प्रेमी विजय सिंह ने मिलकर हत्या की पूरी स्क्रिप्ट तैयार की।
इसके बाद 12 मार्च को जन सेवा केंद्र संचालक रामकिशन मुबारकपुर गांव से रामनिवास को अपनी बाइक पर बैठाकर गंवा ले गया था। लेकिन जब रामकिशन रामनिवास को लेकर वापस लौट रहा था तो वह प्लानिंग के तहत रामनिवास को उसके घर ना ले जाकर जंगल में ले गया और फिर रामनिवास को शराब पिलाकर नशे में धुत कर दिया।
इसी दौरान विजय सिंह और उसका एक साथी धर्मेंद्र भी मौके पर पहुंच गया और रामनिवास के सिर पर सरिया से हमला कर दिया। हत्या करने के बाद खून से लथपथ शव को सड़क दुर्घटना का रंग देने के लिए कमालपुर गांव के पास रोड किनारे फेंक दिया था। लेकिन हत्या के 5 दिन बाद आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गए।