आम आदमी पार्टी नेतृत्व और नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाए गए सुखपाल खैहरा के बीच जब विवाद पैदा हुआ था, तब भगवन्त मान इस्तीफा दे चुकने के बाद भी खैहरा पर प्रदेश संयोजक की तरह ही प्रहार कर रहे थे। उस समय लग यह रहा था कि अंदरखाने में भगवन्त मान से सिर्फ दिखावे के लिए इस्तीफा दिलाया गया है। आम आदमी पार्टी नेतृत्व की रीति-नीति भी दिलचस्प दिखाई दी, जबकि एक नेता अपने इस्तीफे के नामंजूर होने से पहले ही केन्द्रीय नेतृत्व के समर्थन में खडा हो गया। उस समय बागी सुखपाल खैहरा ने भी सवाल उठाया था कि अभी भगवन्त मान किस हैसियत से केन्द्रीय नेतृत्व की तरफदारी कर रहे हैं। क्या पार्टी के पंजाब प्रदेश संयोजक पद से उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया गया है।
इसलिए दिया था इस्तीफा
भगवन्त मान ने पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल की ओर से पूर्व अकाली मंत्री विक्रम मजीठिया से माफी मांगने के विरोध में पार्टी नेतृत्व को अपना इस्तीफा भेजा था। केजरीवाल द्वारा माफी मांगने से पंजाब में पार्टी की लडाकू छवि पर विपरीत असर पड़ा था। इस कारण भगवन्त मान और सुखपाल खैहरा विरोध में खड़े हो गए, लेकिन धीरे-धीरे दोनों को मना लिया गया। मान का इस्तीफा नामंजूर घाषित नहीं किया गया और वे प्रदेश प्रमुख के रूप में काम करते रहे।
नाटकीय इसलिए
हाल में पार्टी को याद आया कि भगवन्त मान ने इस्तीफा भी दिया था। जल्दी में पार्टी की पंजाब कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई और मान का इस्तीफा नामंजूर कर राष्ट्रीय राजनीतिक मामलों की समिति से भी इस्तीफा नामंजूर करने की सिफारिश की गई और राजनीतिक मामलों की समिति ने भी मान का इस्तीफा नामंजूर कर ताजपोशी कर दी।
खैहरा पर साधा निशाना
ताजपोशी समारोह और पत्रकारों से बातचीत में बगैर नाम लिए सुखपाल खैहरा पर निशाना साधा गया। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सीसोदिया और भगवन्त मान ने कहा कि पार्टी उनके साथ नहीं, जो कि सिर्फ पद चाहते हैं। पार्टी उनके साथ है, जो पंजाब के मुद्दों पर काम करते हैं।
नशे के मुद्दे पर कहा कि मौजूदा कांग्रेस सरकार कानून के जरिए समस्या का समाधान करे। यह भी कहा कि पूर्व अकाली मंत्री विक्रम मजीठिया से केजरीवाल के माफी मांगने का मतलब उन्हें नशा तस्करी मामले में क्लीन चिट देना नहीं है। कानूनी एजेंसियां उनके खिलाफ जांच करें। एसवाईएल के मुद्दे पर कहा कि पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से पक्ष रखे। पाकिस्तान जा रहे नदी जल को रोका जाए। मनीष सीसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी मात्र पार्टी नहीं, बल्कि राजनीतिक भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए आया आंदोलन है। यह भी आरोप लगाया गया कि अकाली दल और कांग्रेस की मिलीभगत है।