मंत्रिमंडल की मीटिंग के दौरान कई मंत्रियों ने एडवोकेट जनरल अतुल नन्दा के सुझाव से सहमति प्रकट की कि अवैध शराब की तस्करी जैसे संगठित अपराध पर काबू पाने के लिए पकोका जैसा सख्त कानून लाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिन्द्रा के नेतृत्व में गठित सब-कमेटी को प्रस्तावित कानून के उपबंधों को जाँचने और अंतिम रूप देकर रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपने के लिए कहा। उन्होंने कैबिनेट मंत्री सुखजिन्दर रंधावा और अन्य मंत्रियों के साथ सहमति जाहिर की कि पकोका (पंजाब कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) के साथ संगीन अपराधियों को काबू करने में सहायता मिल सकती है और गैंगस्टरों को रोकने में सहायक सिद्ध हो सकता है जो जेलों से भी संगठित अपराध में लिप्त रहते हैं और आतंकवादियों से भी करीबी सम्बन्ध रखते हैं।
मुख्यमंत्री ने नकली शराब की घटना पर दो अलग-अलग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान यह आदेश जारी किये जिनमें से एक मंत्रीमंडल की मीटिंग हुई जबकि मीटिंग के दौरान दूसरी मीटिंग पुलिस और प्रशासन के सीनियर अधिकारियों के साथ समीक्षा मीटिंग के दौरान लिया। कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में मंत्रीमंडल ने इस दुखद घटना के पीडि़तों को श्रद्धाँजलि के तौर पर 2 मिनट का मौन धारा। इससे पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पुलिस और जिला प्रशासन को सख्त हुक्म जारी करते हुए कहा, ‘‘इस धंधे को खत्म करो, सरहदी इलाकों को साफ करो।’’ इस मीटिंग में डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता और मुख्य सचिव विनी महाजन के अलावा तरन तारन, अमृतसर देहाती और गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर और जिला पुलिस मुखियों और आबकारी एवं कर विभाग के अधिकारी शामिल थे।