बखिरा झील में आने वाली विदेशी साइबेरियन पक्षियों में लालसर, पटियरा, कैमा, मऊरार, पोचर्ड, रेडक्रेस्टेड, सुरखाब, स्पाटेड, ईगल, मार्स तथा हैरियन सहित विभिन्न प्रजाति की पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है। इन पक्षियों ने झील में उगे नरकट के घने जंगलों को अपना ठिकाना बना रखा है, लेकिन प्रतिबंध क्षेत्र होने के बावजूद वन विभाग की मिलीभगत से से इन मेहमान पक्षियों की जान खतरे में पड़ गई है।
स्थानीय लोगों की माने तो यहां प्रतिदिन सुबह साढ़े चार बजे व शाम के वक्त आस-पास गांव के शिकारियों का झुंड झील के उत्तरी व पूर्वी हिस्से में उगे नरकटों में दबे पांव घुस जाते हैं और इन पक्षियों को आसानी से अपना शिकार बना लेते हैं। शिकार के दौरान इनके कुछ साथी दूर से ही वन रक्षकों की निगरानी करते हैं। जैसे ही किसी के आने की आहट होती है तत्काल सभी को सावधान कर दिया जाता है। इन पक्षियों की चोरी छिपे धड़ल्ले से बिक्री होती है।
बखिरा झील के मनमोहक दृष्य को देखने के लिए पर्यटकों के साथ ही विभिन्न स्थानों से अधिकारी, नेता व पर्यावरण प्रेमी भी यहां आकर ठंड के मौसन में बखिरा झील के पास विदेशी पक्षियों के बीच कुछ लम्हे बिताकर लोग आनंदित होते हैं। यहां जनपद और मंडल के अधिकारियों का भी अक्सर आना जाना होता है। लेकिन बावजूर इसके विदेशी प्रवासी पक्षियों के शिकार में कोई कमी नही आरही बखिरा झील के पास का नज़ारा देख बरबस ही आसमान में उड़ता पक्षियों का झुंड लोगों का ध्यान आकर्षित करता है।