कलेक्ट्रेट में जिला योजना कार्य समिति की बैठक के दौरान जूता चलने के बाद कलेक्ट्रेट के सदर नाजिर सैय्यद नफीसउल हसन की ओर से तत्कालीन सांसद शरद त्रिपाठी, मेहदावल विधायक राकेश सिंह बघेल समेत कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। विवेचना के बाद पुलिस ने इसपर अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी। पुलिस ने सबूतों के अभाव में मामला खत्म करने की अपील की, जिसे कोर्ट ने नहीं माना और अग्रिम विवेचना का आदेश दिया। अग्रिम विवेचना के बाद एमपी एमएलए कोर्ट ने पुलिस की कोई साक्ष्य न मिलने वाली रिपोर्ट को फिर अस्वीकार कर दिया।
दूसरी बार रिपोर्ट अस्वीकार करने के साथ ही कोर्ट ने दोनेां आरोपी सांसद व विधायक को तलब कर लिया। दोनों के पेश न होने पर उनके खिलाफ नाॅन बेलेबल वारंट भी जारी किया। दोनों नेता हाईकोर्ट से गैर जमानती वारंट पर स्टे ले आए। हाईकोर्ट ने अंतिम बहस में दोनों नेताओं के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट से जारी तलबी के आदेश को निरस्त कर दिया। पुलिस की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया।