गुरुवार पुलिस को सूचना मिली की नौकरी का झांसा देकर लोगों को शिकार बनाने वाला एक गिरोह इस वक्त मोहदावाल बस स्टाप पर मौजूद है। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूंछताछ की, तो उन्होंने ठगी की बात कबूल कर ली। अरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह लोगों को नौकरी दिलाने सहित अनेक प्रकार का लालच दे कर किस प्रकार शिकार बनाते थे। इस काम के लिए वह पहले फेक आईडी पर सिम जारी करवाते थे फिर उसी नंबर से लोगों को बैंक, इनकमटैक्स व विभिन्न कम्पनियों के अधिकारी बनकर फोन करते थे। झांसे में आए लोगों से नौकरी दिलाने के नाम पर पहले कई किस्तों में पैसे लिए जाते थे। जब वह बुरी तरह जाल में फंस जाते तो उनका पैसा वापस करने के नाम पर खाता संख्या और एटीएम आदि लेकर उनके खाते में ठगी का पैसा मंगाते थे। वहीं सूचना देने वाले युवक का कहना है कि गिरोह पूर्व में उसके साथ ठगी कर चुका है गिरोह के सदस्य ने आज आधार और एटीम कार्ड के लिए फोन किया था जिसकी सूचना युवक ने पुलिस को दे दी।
लोगों को ठगी का शिकार बनाने के लिए आरोपियों ने खोल रखा था अॉफिस लोगों को ठगी का शिकार बनाने के लिए आरोपियों ने बकायदे अॉफिस खोल रखा था। पुलिस का कहना है कि इस काम में ग्रामीण इलाको से तकरीबन 17 वर्ष से लेकर 45वर्ष के लोग सक्रिय है। पूंछताछ के बाद पुलिस ने ठगी को अंजाम देने वाले कानपुर के रठिया गांव के रहने वाले जितेन्द्र शंखवार पुत्र गोवर्धन लाल , योगेन्द्र उर्फ राघवेन्द्र पुत्र देशराज शंखवार, शैलेन्द्र शंखवार पुत्र देशराज शंखवार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। पुलिस को आरोपितो के पास से 01 अदद तंमचा 315 बोर मय कारतूस,01 अदद तंमचा 12 बोर मय कारतूस,01 लाख 35 हजार , 05 अदद विभिन्न कम्पनियों का मोबाईल फोन, आधार कार्ड व बैंक पासबुक बरामद हुई है। अरोपितो की गिरफ्तारी प्रभारी स्वाट टीम उ0नि0 राजकुमार यादव, उ0नि0 राजाराम यादव, का0 महेन्द्र यादव, का0 देवनरायन, का0 विनोद यादव, का0 ऋृषिवेद तिवारी, का0 मनीष गुप्ता, का0 मुनीर अहमद, का0 शैलेन्द्र उपाध्याय, का0 उमाशंकर, म0का0 पूजा गौड़ ने की।
Input- साहिल खान