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सतना के 11 शिक्षक दो बार किताब खोल कर भी नहीं पास कर सके परीक्षा, जाएगी नौकरी

locationसतनाPublished: Oct 18, 2019 12:19:39 am

Submitted by:

Ramashankar Sharma

प्रदेश में सबसे ज्यादा फेल होने वाले सतना जिले से
जिले के 11 शिक्षकों पर लटकी अनिवार्य सेवानिवृत्ति की तलवार
 

सतना के 11 शिक्षक दो बार किताब खोल कर भी नहीं पास कर सके परीक्षा, जाएगी नौकरी

सतना के 11 शिक्षक दो बार किताब खोल कर भी नहीं पास कर सके परीक्षा, जाएगी नौकरी

सतना. बोर्ड परीक्षा में 30 फीसदी से कम परिणाम वाले विद्यालयों के 11 शिक्षक ऐसे पाए गये हैं जो दूसरी बार किताब खोल कर परीक्षा देने के बाद भी पास नहीं हो सके हैं। अब स्कूल शिक्षा विभाग इन्हें अनिवार्य सेवा निवृत्ति देने की तैयारी कर रहा है। बताया गया है कि किताब खोल कर परीक्षा देने के दूसरे अवसर पर भी प्रदेश में 70 शिक्षक फेल हो गए हैं। इसमें से सर्वाधिक फेल होने वाले शिक्षकों की संख्या सतना जिले में मिली है। इस परिणाम ने साबित कर दिया है कि यहां के शिक्षक पठन पाठन को लेकर गंभीर नहीं है और एक बार फिर से जिले की शैक्षणिक व्यवस्था पर शर्मनाक होने का धब्बा लगा दिया है।
बोर्ड परीक्षाओं में इस बार काफी संख्या में विद्यार्थियों के फेल होने पर स्कूल शिक्षा विभाग ने इसके लिये शिक्षकों को भी दोषी माना। माना गया कि शिक्षकों का पठन पाठन सही नहीं होना भी विद्यार्थियों के फेल होने की एक वजह है। इसके बाद परिणामों का विश्लेषण करने के बाद 30 फीसदी से कम रिजल्ट वाले विद्यालयों व इनके लिंक माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की जून माह में परीक्षा आयोजित कराई गई। इसमें किताब खोल कर उत्तर लिखने की छूट दी गई। इस परीक्षा में जो शिक्षक पास नहीं हो सके उन्हें प्रशिक्षण दिया जाकर दोबारा परीक्षा देने का अवसर दिया गया। इस बार भी उन्हें किताब खोल कर उत्तर लिखने की छूट मिली। इस परीक्षा का परिणाम जब सामने आया तो पाया गया कि सतना जिले के 11 शिक्षक परीक्षा पास नहीं कर सके हैं। प्रदेश में यह आंकड़ा 70 रहा। सतना जिले में प्रदेश में सर्वाधिक संख्या में शिक्षक फेल हुए हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने ऐसे शिक्षकों को अब अनिवार्य सेवा निवृत्ति देने की तैयारी कर चुका है।
लागू होगा 20-50 का फार्मूला
बताया गया है कि दोबारा पास नहीं होने वाले शिक्षकों को अनिवार्य सेवा निवृत्ति देने का निर्णय मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित विभागीय बैठक में लिया गया था। जिस पर कहा गया था कि अक्टूबर माह में दूसरी बार जो शिक्षक परीक्षा पास नहीं कर सकेंगे उन्हें सेवा से पृथक कर दिया जाएगा। 20-50 फार्मूले के अनुसार जिनकी सेवा 20 साल हो चुकी है अथवा 50 साल की उम्र हो चुकी है उन्हें पदीय दायित्व पूर्ति न करने पर अनिवार्य रूप से सेवा से पृथक कर दिया जाएगा।
एक बार देखी जाएंगी कापियां
बताया गया है कि इन शिक्षकों को अनिवार्य सेवा निवृत्ति देने से पहले सभी की कॉपियां मुख्यालय मंगाई गई हैं। यहां इन शिक्षकों की उत्तर पुस्तिकाओं को देखा जाएगा। इसके पीछे वजहों में बताया गया है कि विभाग की मंशा है कि यह सेवा से हटाने से पहले संतुष्ट हो लिया जाए कि कहीं गलत मूल्यांकन के कारण कोई शिक्षक तो फेल नहीं हुआ है।
रीवा संभाग की स्थिति दयनीय
बताया गया है कि इस परीक्षा में रीवा संभाग की स्थिति सबसे दयनीय रही है। प्रदेश में सबसे ज्यादा संख्या में सतना जिले के शिक्षक फेल हुए। इसके बाद रीवा में फेल होने वाले शिक्षकों की संख्या 9 रही जो प्रदेश में दूसरे स्थान पर रहा। यह स्थिति तब है जब संभागायुक्त सहित संभाग के स्कूल शिक्षा विभाग अधिकारी सहित जिले के अन्य अधिकारी लगातार शिक्षा महकमे पर अपना फोकस बनाए हुए हैं।
अनुपस्थित शिक्षकों की परीक्षा 23 को
जून माह में फेल हुए शिक्षकों की दोबारा परीक्षा 14 अक्टूबर को कराई गई थी। इस परीक्षा में जो शिक्षक अनुपस्थित रहे थे उन्हें विभाग अंतिम अवसर देने जा रहा है। इनकी परीक्षा 23 अक्टूबर को आयोजित की गई है। यह परीक्षा 10 बजे से प्रारंभ होगी। जो इसमें शामिल नहीं होगा उनके विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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