वैवाहिक सीजन होने के चलते यह समस्या और भी ज्यादा गंभीर हो गई। लोग हाथों में बैग लिए या तो खड़े-खड़े यात्रा करते दिखे या फिर अलग से छोटे वाहनों की व्यवस्था कर गंतव्य तक पहुंचे। सड़कों से बसोंं के गायब होने का ऑटो-मैजिक चालकों ने भरपूर फायदा उठाया। कम दूरी की यात्रा के लिए भी मनमानी किराया वसूल किया।
गर्मी ने बढ़ाई मुसीबत
यात्रियों को जहां मुश्किल से बसें मिल रहीं थीं, वहीं भीषण गर्मी ने समस्या और बढ़ा दी। बस स्टैंड में बसों के इतंजार में बैठे अलग-अलग जगहों तक जाने वाले यात्रियों को पानी और छांव तक नहीं नसीब हो सकी। शहर में प्याऊ की व्यवस्था नहीं होने से उन्हें मोल पानी खरीदकर प्यास बुझानी पड़ी।
यात्रियों को जहां मुश्किल से बसें मिल रहीं थीं, वहीं भीषण गर्मी ने समस्या और बढ़ा दी। बस स्टैंड में बसों के इतंजार में बैठे अलग-अलग जगहों तक जाने वाले यात्रियों को पानी और छांव तक नहीं नसीब हो सकी। शहर में प्याऊ की व्यवस्था नहीं होने से उन्हें मोल पानी खरीदकर प्यास बुझानी पड़ी।
27 को अब रहेगी राहत
आगामी 27 अप्रैल को भी जिले में कुछ ऐसी ही अव्यवस्था देखने को मिल सकती थी। लेकिन मंगलवार की देर शाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सतना दौरा निरस्त हो गया तो लोगों ने राहत की सांस ली। बताया गया कि सीएम के कार्यक्रम के लिए 692 बसों के अधिग्रहण के निर्देश उच्च अधिकारियों द्वारा दिए गए हैं।
आगामी 27 अप्रैल को भी जिले में कुछ ऐसी ही अव्यवस्था देखने को मिल सकती थी। लेकिन मंगलवार की देर शाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सतना दौरा निरस्त हो गया तो लोगों ने राहत की सांस ली। बताया गया कि सीएम के कार्यक्रम के लिए 692 बसों के अधिग्रहण के निर्देश उच्च अधिकारियों द्वारा दिए गए हैं।
जुबां पर आया दर्द
हम मिर्जापुर से आए हैं। लखनवाह जाना है। लेकिन, कोई बस नहीं मिल रही। ऑटो भी जाने को तैयार नहीं हैं। किसी तरह जाने की व्यवस्था करेंगे।
प्रवीण सिंह, यात्री बस के इंतजार में बैठे हैं। गुड़ुहरू गांव जाना है। परंतु दोपहर तक उस रूट की बस नहीं मिली। घर में फोन से बात हुई है। परिवारजनों को बुलाया है। उन्हीं के साथ जाएंगे।
विमला पांडेय, यात्री
हम मिर्जापुर से आए हैं। लखनवाह जाना है। लेकिन, कोई बस नहीं मिल रही। ऑटो भी जाने को तैयार नहीं हैं। किसी तरह जाने की व्यवस्था करेंगे।
प्रवीण सिंह, यात्री बस के इंतजार में बैठे हैं। गुड़ुहरू गांव जाना है। परंतु दोपहर तक उस रूट की बस नहीं मिली। घर में फोन से बात हुई है। परिवारजनों को बुलाया है। उन्हीं के साथ जाएंगे।
विमला पांडेय, यात्री
हम अमरपाटन से आए हैं। यहां से अब बिरसिंहपुर जाना है। जो बसें जाती थीं वे बारात में गई हैं या फिर प्रधानमंत्री की रैली में। आगे का सफर मुश्किल भरा है।
विनीत दुबे, यात्री
विनीत दुबे, यात्री
अमरपाटन से देवेंद्र नगर जाना था। इसलिए सतना बसस्टैंड पर बस का इंतजार कर रहे हैं। बस न मिलेगी तो टैक्सी से जाना पड़ेगा।
सोहन साहू, यात्री
सोहन साहू, यात्री