ये है मामला
मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को मोहर्रम में ताजिया देखने के लिए साईंपुर निवासी चिरौंजी के घर पर कुछ रिश्तेदारों के बच्चे आए हुए थे। शुक्रवार की सुबह करीब साढ़े 8 बजे जान मोहम्मद (11) पुत्र मौला निवासी स्योहारी थाना बदौसा, अनीत (13) पुत्र जुम्मन निवासी स्योहारी थाना बदौसा जनपद बांदा, आशिक अली (8) पुत्र हबीब निवासी अंदौरा थाना कमासिन जनपद बांदा, महताब पुत्र मुनव्वर, जलील पुत्र दौलत शेख निवासी अंदौरा थाना कमासिन व शब्बीर पुत्र रसूल निवासी स्योहारी थाना बदौसा साईंपुर में बागेन नदी के पुल के पास तनघटा घाट पर नहाने गए थे। यह सभी तैरना नहीं जानते थे।
मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को मोहर्रम में ताजिया देखने के लिए साईंपुर निवासी चिरौंजी के घर पर कुछ रिश्तेदारों के बच्चे आए हुए थे। शुक्रवार की सुबह करीब साढ़े 8 बजे जान मोहम्मद (11) पुत्र मौला निवासी स्योहारी थाना बदौसा, अनीत (13) पुत्र जुम्मन निवासी स्योहारी थाना बदौसा जनपद बांदा, आशिक अली (8) पुत्र हबीब निवासी अंदौरा थाना कमासिन जनपद बांदा, महताब पुत्र मुनव्वर, जलील पुत्र दौलत शेख निवासी अंदौरा थाना कमासिन व शब्बीर पुत्र रसूल निवासी स्योहारी थाना बदौसा साईंपुर में बागेन नदी के पुल के पास तनघटा घाट पर नहाने गए थे। यह सभी तैरना नहीं जानते थे।
अचानक से डूबे सभी बच्चे
कुछ देर तक नदी के किनारे ही सभी लोग नहा रहे थे। इसके बाद नदी में धीरे-धीरे अंदर जाकर नहाने लगे। अचानक सभी लोग नदी के गहरे पानी में चले गए। जिससे डूबने लगे। करीब दो सौ मीटर की दूरी पर साईंपुर का ही रहने वाला मनीष (13) पुत्र रज्जाक भी नहा रहा था। उसने इन सभी को डूबते हुए देखा तो तैरकर इनके पास आया। किसी तरह से मनीष ने डूब रहे महताब, जलील व शब्बीर को बचाते हुए बाहर निकाल लिया। जबकि जान मोहम्मद, अनीत व आशिक अली को वह नहीं बचा पाया। यह तीनों गहरे पानी में डूब गए। कुछ ही देर में तीनों कहीं नजर नहीं आए।
कुछ देर तक नदी के किनारे ही सभी लोग नहा रहे थे। इसके बाद नदी में धीरे-धीरे अंदर जाकर नहाने लगे। अचानक सभी लोग नदी के गहरे पानी में चले गए। जिससे डूबने लगे। करीब दो सौ मीटर की दूरी पर साईंपुर का ही रहने वाला मनीष (13) पुत्र रज्जाक भी नहा रहा था। उसने इन सभी को डूबते हुए देखा तो तैरकर इनके पास आया। किसी तरह से मनीष ने डूब रहे महताब, जलील व शब्बीर को बचाते हुए बाहर निकाल लिया। जबकि जान मोहम्मद, अनीत व आशिक अली को वह नहीं बचा पाया। यह तीनों गहरे पानी में डूब गए। कुछ ही देर में तीनों कहीं नजर नहीं आए।
गांव में मचा कोहराम
डूबने से बचे तीनों बच्चों ने आवाज लगाकर आसपास मौजूद लोगों को बुलाया। दौंड़कर घर वालों को भी सूचना दी। जानकारी मिलते ही घर वाले नदी किनारे पहुंच गए। आनन-फानन में ग्रामीणों ने नदी में कूदकर तीनों की खोजबीन शुरू की। ग्राम प्रधान कमलेश ने फोन के जरिए 108 एंबुलेंस व थाना पुलिस को सूचना दी। एंबुलेंस व पुलिस के पहुंचने से पहले ही ग्रामीणों ने नदी में डूबे तीनों लोगों को बाहर निकाल लिया। तीनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहाड़ी ले जाया गया। जहां पर चिकित्सकों ने देखते ही तीनों को मृत घोषित कर दिया। मौत की खबर सुनकर घर वालों में कोहराम मच गया।
डूबने से बचे तीनों बच्चों ने आवाज लगाकर आसपास मौजूद लोगों को बुलाया। दौंड़कर घर वालों को भी सूचना दी। जानकारी मिलते ही घर वाले नदी किनारे पहुंच गए। आनन-फानन में ग्रामीणों ने नदी में कूदकर तीनों की खोजबीन शुरू की। ग्राम प्रधान कमलेश ने फोन के जरिए 108 एंबुलेंस व थाना पुलिस को सूचना दी। एंबुलेंस व पुलिस के पहुंचने से पहले ही ग्रामीणों ने नदी में डूबे तीनों लोगों को बाहर निकाल लिया। तीनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहाड़ी ले जाया गया। जहां पर चिकित्सकों ने देखते ही तीनों को मृत घोषित कर दिया। मौत की खबर सुनकर घर वालों में कोहराम मच गया।
कलेक्टर-एसपी पहुंचे घटनास्थल
घटना की जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी विशाख, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा, अपर जिलाधिकारी जीपी सिंह, एसडीएम सदर इंदुप्रकाश सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहाड़ी पहुंचे। जिलाधिकारी ने परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिया। घर वाले पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर रहे थे। बाद में जिलााधिकारी के समझाने पर पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुए। पुलिस ने तीनों शव का पंचनामा करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
घटना की जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी विशाख, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा, अपर जिलाधिकारी जीपी सिंह, एसडीएम सदर इंदुप्रकाश सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहाड़ी पहुंचे। जिलाधिकारी ने परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिया। घर वाले पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर रहे थे। बाद में जिलााधिकारी के समझाने पर पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुए। पुलिस ने तीनों शव का पंचनामा करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।