परिजनों को मजबूरी में सेवा शुल्क तीन सौ रुपए देना पड़ा तब चालक प्रसूता को घर छोडऩे को तैयार हुआ। पूरी घटना कैमरे पर कैद हो जाने से सकपकाए चालक ने बाद में रुपए परिजनों को लौटा दिए। बाद में उसने पत्रिका से बातचीत में तीन सौ रुपए लेना स्वीकार किया।
ये है मामला
कोठी के मोहार गांव निवासी गर्भवती आंचल सिंह (22) पति धनेंद्र सिंह को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने जिला अस्पताल में दाखिल कराया। डिलीवरी के बाद प्रसूता को शनिवार सुबह जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने डिस्चार्ज कर दिया। परिजनों सहित आशा कार्यकर्ता राधा गर्ग ने प्रसूता को घर छोडऩे जिला अस्पताल परिसर में खड़ी जननी एक्सप्रेस एमपी 17 डीए 0812 से संपर्क किया। इस पर दोपहर करीब 12 बजे चालक ने बिना तीन सौ रुपए जाने से इंकार कर दिया।
कोठी के मोहार गांव निवासी गर्भवती आंचल सिंह (22) पति धनेंद्र सिंह को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने जिला अस्पताल में दाखिल कराया। डिलीवरी के बाद प्रसूता को शनिवार सुबह जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने डिस्चार्ज कर दिया। परिजनों सहित आशा कार्यकर्ता राधा गर्ग ने प्रसूता को घर छोडऩे जिला अस्पताल परिसर में खड़ी जननी एक्सप्रेस एमपी 17 डीए 0812 से संपर्क किया। इस पर दोपहर करीब 12 बजे चालक ने बिना तीन सौ रुपए जाने से इंकार कर दिया।
जहां लगता है शिकायत कर दो, शुल्क तो लगेगा
परिजनों ने चालक से संपर्क किया तो उसने कहा, घर तक छोडऩे का तीन सौ रुपए शुल्क देना होगा। परिजनों ने कहा, वाहन तो सरकारी है फिर शुल्क क्यों। आशा कार्यकर्ता ने भी शुल्क लेने पर विरोध किया, तो चालक भड़क गया। कहा, बिना शुल्क वाहन कहीं नहीं जाएंगा, तुम लोगों को जहां शिकायत करना है कर दो।
परिजनों ने चालक से संपर्क किया तो उसने कहा, घर तक छोडऩे का तीन सौ रुपए शुल्क देना होगा। परिजनों ने कहा, वाहन तो सरकारी है फिर शुल्क क्यों। आशा कार्यकर्ता ने भी शुल्क लेने पर विरोध किया, तो चालक भड़क गया। कहा, बिना शुल्क वाहन कहीं नहीं जाएंगा, तुम लोगों को जहां शिकायत करना है कर दो।
तीन सौ रुपए दिए तब हुआ तैयार
प्रसूता के परिजनों ने दो सौ रुपए दिए तो भी चालक तैयार नहीं हुआ। कहा, तीन सौ रुपए पूरे दो तब वाहन चालू होगा। परिजनों को मजबूरी में चालक को तीन सौ रुपए देने पड़े, तब वह प्रसूता को घर तक छोडऩे तैयार हुआ। इस दौरान परिजन द्वारा किया जा रहा पैसे लेने का विरोध कै मरे पर भी कैद हुआ। चालक की नजर जैसे ही कैमरे पर पड़ी। वह बैक फुट पर आ गया। परिजनों से लिए तीन सौ रुपए लौटाए।
प्रसूता के परिजनों ने दो सौ रुपए दिए तो भी चालक तैयार नहीं हुआ। कहा, तीन सौ रुपए पूरे दो तब वाहन चालू होगा। परिजनों को मजबूरी में चालक को तीन सौ रुपए देने पड़े, तब वह प्रसूता को घर तक छोडऩे तैयार हुआ। इस दौरान परिजन द्वारा किया जा रहा पैसे लेने का विरोध कै मरे पर भी कैद हुआ। चालक की नजर जैसे ही कैमरे पर पड़ी। वह बैक फुट पर आ गया। परिजनों से लिए तीन सौ रुपए लौटाए।
प्रसूता के परिजन शिकायत करेंगे तो मामले की जांच करायी जाएगी। सेवा शुल्क लेने की बात सच साबित होने पर वाहन मालिक पर जुर्माना और चालक को हटाया जाएगा।
आशुतोष चतुर्वेदी, जिला प्रभारी जिगित्सा हेल्थ केयर
आशुतोष चतुर्वेदी, जिला प्रभारी जिगित्सा हेल्थ केयर