बाढ़ एवं अतिवृष्टि को देखते हुए कलेक्टर मुकेश शुक्ला ने 11 जून को बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया था। प्रभारी अधिकारी अपर कलेक्टर को नियुक्त किया गया। अधीक्षक भू-अभिलेख को नोडल अधिकारी बनाया गया। संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन के प्रथम तल पर कक्ष क्रमांक-एफ-19 में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के साथ ही नंबर 07672-223211 नियत किया गया था।
सहायक नोडल अधिकारी सहायक अधीक्षक बनाए गए थे। सोमवार की रात हुई तेज बारिश के कारण शहर के निचले इलाकों में पानी भर गया, तो कई स्थानों में जल निकासी व्यवस्था उचित नहीं होने से पानी सड़क पर आकर घरों में घुसने लगा। इसको लेकर लोगों ने निगम के अधिकारियों से संपर्क किया पर कोई फोन नहीं उठा। बाढ़ नियंत्रण कक्ष में फोन लगाया गया पर वहां फोन ही रिसीव नहीं हुआ।
इससे यह तो साबित हो गया कि जिले में आपदा नियंत्रण की स्थितियों को लेकर कोई गंभीर नहीं है। जबकि बारिश में बाढ़ नियंत्रण कक्ष को प्रभावी भूमिका में आ जान चाहिए था। लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी से यह कक्ष कागजों में संचालित है। यहां अलग-अलग शिफ्ट में लगाए गए कर्मचारी घरों में ड्यूटी कर रहे हैं। जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है वे कलेक्ट्रेट के लिए मुक्त हो गए हैं।
इन दिनों शहर की सड़कों व गलियों का भगवान मालिक है। चलना मुश्किल हो रहा है। ऐसी ही सड़क महापौर ममता पांडेय के घर के पीछे के हिस्से से गुजरती है। यह बगहा को पूर्वी संतनगर से जोड़ती है। रहवासियों की मानें तो मामूली बारिश में पूरी सड़क कीचडय़ुक्त हो जाती है। साइकिल, मोटर साइकिल सहित पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। कुछ ऐसी ही हालत पन्ना नाका रोड की है।
शहर सरकार द्वारा कराया जा रहा सीवर लाइन का काम इन दिनों आमजन के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। शहर के वार्ड 26 व 27 के बीच न्यू वीआइपी चैम्पियन स्कूल के पास सीवर लाइन बिछाई गई है। वहां बरसात के बाद सड़क के उस हिस्से की मिट्टी धंसक गई है जहां सीवरी लाइन का पाइप डाला गया। बीच सड़क पर खाई जैसे गड्ढे बन चुके हैं। इन्हीं गड्ढों में कई स्कूल वाहन, यहां रहने वाले लोगों के चौपहिया वाहन फंस कर क्षतिग्रस्त हो गए।
नौबत यहां तक आ गई कि स्कूल वाहन चालकों ने इस क्षेत्र में आने से मना कर दिया। ताकि सड़क की वजह से बच्चों को कोई खतरा न हो। सीवर लाइन की मिट्टी सड़क से धंसक जाने पर यहां से गुजरने वाले कुछ रेलकर्मी भी जख्मी हो चुके हैं। ऑटो तक निकलने की जगह सड़क पर सुरक्षित नहीं है। स्थानीय लोगों ने अपने स्तर से सुधार करने की कोशिश की, लेकिन वह टिकाऊ नहीं है। इस हालत की जानकारी सीवर लाइन बिछाने वालों को भी है पर कोई सुधार करने आगे नहीं आया।
यूं वीआइपी चैम्पियन स्कूल से कृष्णा विहार और न्यू कामदगिरी कॉलोनी तक हालात कुछ एेसे हैं कि मोटर साइकिल के आलावा बड़े वाहन यहां से नहीं निकल सकते। ऑटो चालक तक बरसात में जाने से मना कर देते हैं। एेसे में विषम परिस्थिति में लोगों के लिए मुश्किल हो सकती है।