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मध्यप्रदेश के इस गांव में हैजा का कहर: दो मौत के बाद जागा स्वास्थ्य महकमा, ट्रैक्टर से गांव पहुंचे डॉक्टर

locationसतनाPublished: Sep 03, 2018 12:26:16 pm

Submitted by:

suresh mishra

सीएमएचओ-बीएमओ ने लिया जायजा, गांव में लगाया हेल्थ कैंप, दो अन्य गांवों में भी उल्टी-दस्त के मरीज मिले

2 women die of diarrhoea in satna health team reach village by tractor

2 women die of diarrhoea in satna health team reach village by tractor

सतना। उचेहरा के परसमनिया पहाड़ स्थित चौतरिहा गांव में उल्टी दस्त का प्रकोप जारी है। दो महिलाओं की मौत की खबर के बाद रविवार को सीएमएचओ डॉ. एके अवधिया व बीएमओ एके राय मैदानी अमले के साथ चौतरिहा पहुंचे। सड़क मार्ग की स्थिति काफी खराब थी। वहां कार या एम्बुलेंस से पहुंचना मुश्किल था। लिहाजा, दोनों अधिकारी ट्रैक्टर पर सवार होकर गांव पहुंचे।
गांव पहुंचने के बाद पीडि़तों से मुलाकात की। स्वास्थ को देखा और पूरे गांव का निरीक्षण किया। उसके बाद गांव में हेल्थ कैंप लगाकर ग्रामीणों का इलाज शुरू कराया। बता दें कि शनिवार को संज्ञान में आया कि दो महिलाएं लल्ला बाई कोल 50 और बीना कोल 18 की उल्टी दस्त से मौत हो गई।
दस दिनों से गांव में उल्टी-दस्त दस्त का प्रकोप

ग्रामीणों ने बताया कि विगत दस दिनों से गांव में उल्टी-दस्त दस्त का प्रकोप है। मैदानी अमले द्वारा स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदारों सहित एसडीएम को भी मामले की जानकारी दी गई थी पर विभाग की ओर से कोई अधिकरी गांव नहीं पहुंचा था।
स्थिति को नियंत्रण में लेने की कोशिश

अब मामला मीडिया में आने के बाद अधिकारी गांव पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण में लेने की कोशिश जारी है। अभी भी गांव में सेमइया, मलखान, देवकुमारी, कैला,सुमीरा, रचना, गुड्डी बाई, भागदंड, सीता बाई, पडऱम बाई, राम बिहारी, नोनी बाई, केश बाई सहित अन्य की स्थित गंभीर बनी है।
दो अन्य गांवों में भी पीडि़त
चौतरिहा गांव के अलावा दो अन्य गांवों में भी उल्टी-दस्त के पीडि़त सामने आए हैं। बताया गया कि रविवार को अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान अंधियारा व गोरसिहाई गांव में एक दर्जन पीडि़त सामने आए हैं। सभी का इलाज शुरू करा दिया गया है।
मौत का कारण स्पष्ट नहीं
दो महिलाएं लल्ला बाई कोल और बीना कोल की मौत को लेकर अधिकृत रूप से स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि नहीं की है। विभाग का कहना है कि मौत के कारणों की जांच की जा रही है। रिपोर्ट के बाद ही कुछ स्पष्ट किया जा सकेगा।
दूषित पानी से स्थिति खराब
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो गांव के निरीक्षण में पाया गया कि अधिकतर ग्रामीण दूषित पानी पी रहे हैं। इससे ये स्थिति पैदा हुई है। लिहाजा, ग्रामीणों को समझाइश दी गई कि पानी उबाल कर पिएं, ताकि बीमारी से बच सकें। पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग विभाग को सूचना दी गई है कि जलस्रोतों में दवा डालें।
प्रतिदिन दें सूचना
सीएमएचओ ने मैदानी अमले को निर्देश दिए हैं। उन्होंने आशा, एएनएम, एमपीडब्लू सहित मैदानी अमले को कहा कि वे प्रतिदिन क्षेत्र की स्थिति की जानकारी फोन के माध्यम से मेडिकल ऑफिसर, बीएमओ व जिला आइडीएसपी कार्यालय को दें। किसी भी बीमारी के लक्षण या प्रकरण सामने आते हैं या किसी की मौत होती है, तो जरूर सूचना दें। ताकि जिला मुख्यालय हर स्थिति से अवगत रहे।

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