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मध्यप्रदेश के सतना जिले के 36 एकलव्य, जिन्होंने बिना द्रोणाचार्य के मलखंभ को रखा जीवित

locationसतनाPublished: Aug 22, 2019 04:08:31 pm

Submitted by:

suresh mishra

– रैकवार गांव के खिलाडिय़ों ने बचाई राजकीय खेल की लाज- 36 खिलाड़ी जिला शालेय प्रतियोगिता में होंगे शामिल- रैकवार गांव बना मलखंभ खेल की नर्सरी- अमरपाटन ब्लॉक का एक ऐसा गांव जो उगल रहा मलखंभ के खिलाड़ी

36 Eklavya of Madhya Pradesh : who kept Malkhamb alive without a coach

36 Eklavya of Madhya Pradesh : who kept Malkhamb alive without a coach

सतना। महाभारत के पात्र एकलव्य और गुरू द्रोणाचार्य की कहानी तो लगभग सभी जानते होंगे। जहां गुरू द्रोणाचार्य द्वारा एकलव्य को निषादपुत्र होने के कारण धनुर्विद्या सिखाने से मना कर दिया गया। अंत में एकलव्य ने गुरु की मूर्ति बनाकर धनुर्विद्या सीखकर दुनिया को चौंका दिया था। कुछ ऐसी ही कहानी अमरपाटन ब्लॉक अंतर्गत रैकवार गांव के खिलाडिय़ों की है।
जिन्होंने बिना कोच के ही मध्यप्रदेश के राजकीय खेल मलखंभ को जीवित कर रखा है। अब यहां के 36 बालक और बालिका वर्ग के खिलाड़ी जिला स्तरीय शालेय प्रतियोगिता में खेल का जौहर दिखाएंगे। ये प्रतियोगिता शासकीय व्यंकट क्रमांक-1 में 22 अगस्त की दोपहर 12 बजे से चल रही है।
10 साल पहले पढ़ी थी खेल की नींव
उत्कृष्ट विद्यालय अमरपाटन के शिक्षक इन्द्र सेन सिंह ने बताया कि 10 साल पहले मैं और सेवानिवृत्त शिक्षक जीएम सिंह नागौद स्कूल गए थे। जहां के कुछ बच्चे मलखंभ खेल रहे थे। फिर वहां के शिक्षकों से खेल की बारीकियां सीखकर बच्चों पर अमल शुरू किया। मलखंभ को 10 अप्रैल 2013 को राजकीय खेल घोषित कर दिया गया तो और खेल के प्रति रूचि बढ़ गई।
खेल का दायरा ब्लॉक तक पहुंच गया

पहले शासकीय हाई स्कूल रैकवार के बच्चे रस्सी के सहारे ही खेलते थे। पांच वर्ष पहले तत्कालीन जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी विमलेश सिहं से मलखंभ के लिए खंभे की मांग की गई। उन्होंने भी बच्चों की प्रतिभा को देखकर खंभे की व्यवस्था करा दी। रैकवार गांव के बच्चे 11वीं और 12वीं पढऩे अमरपाटन आते है। इसलिए इस खेल का दायरा ब्लॉक तक पहुंच गया।
हर साल बचाते है संभाग की लाज
जिला शालेय क्रीडा अधिकारी मीना त्रिपाठी ने बताया कि हर साल रैकवार गांव के बच्चे संभाग में मलखंभ खेल की लाज बचाते है। रीवा संभाग के रीवा, सीधी, सिंगरौली और सतना जिले में सिर्फ रैकवार, अमपाटन और नागौद के ही बालक और बालिका ब्लॉक, जिला और संभाग की टीम में चयनित होते है। वहीं राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में जबलपुर, होसंगाबाद, उज्जैन और भोपाल संभाग के ही खिलाड़ी शिरकत करते है। हर साल राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में रैकवार गांव को मेडल जरूर मिलता है।
5 प्लस 1 की होती है टीम
ब्लॉक क्रीडा अधिकारी शुभकरण पटेल ने बताया कि मलखंभ खेल में 5 प्लस 1 की टीम होती है। बालिका रस्सी के सहारे खेल खेलती है। जबकि बालक खंभे में चढ़कर खेल खेलते है। गुरुवार से आयोजित हो रही प्रतियोगिता में 6 टीमों को मिलाकर 36 खिलाडिय़ों को चयन किया गया है। वैसे रैकवार गांव में आधा सैकड़ा खिलाड़ी है। कुछ को ओवर ऐज के कारण निकाल दिया गया। टीम का चयन तीन प्रकार से होता है। जिसमे मिनी अंडर 14, अंडर 17, अंडर 19 उम्र के बालक-बालिका शामिल होते है।
ये है एकलव्य
बालक वर्ग 17 में अखिलेश पटेल, निखिल विश्वकर्मा, अमन पटेल, आयूष पटेल, कुवर वीर सिंह, सत्यम पटेल, बालिका वर्ग 19 में प्रिया सिंह, मोनू रजक, स्वाती सिंह, कोमल विश्वकर्मा, प्रिया सिंह, अर्चना सिंह, बालक वर्ग 14 में आयूष प्रताप सिंह, नवीन पटेल, अंकित रजक, विकास पटेल, अजय यादव, मिनी बालिका वर्ग 14 में पूजा पटेल, प्राची तिवारी, काजल पटेल, आंचल द्विवेदी, रेनू पटेल, सानिया दाहिया, मिनी बालक में सचिन पटले, कृष्णा, मेघरा सिंह, शिवकुमार साकेत, अंकुल पटेल, अंकित साकेत, बालिका वर्ग 17 में अंजली सिंह, रश्मी सिंह, साक्षी गुप्ता, सालिनी विश्वकर्मा, शिवानी पटेल और रैना सिंह शामिल है।
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