5 लाख के इनामी डकैत बबली गैंग का कैलहा में तांडव, डरे-सहमे ग्रामीणों ने छोड़ा गांव
सतनाPublished: Jan 06, 2017 06:22:00 pm
बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के कैलहा गांव का मामला, आधा दर्जन आदिवासियों को पीट-पीटकर किया अधमरा, गुरुवार की रात करीब 9 बजे बहिलपुरवा थाना अंतर्गत कैलहा में जमकर तांडव मचाया।
सतना। एमपी-यूपी में आंतक का पर्याय बन चुके पांच लाख के इनामी डकैत बबली कोल गैंग का आतंक जारी है। दो दिन पहले मानिकपुर क्षेत्र में ग्रामीणों से मारपीट कर घायल करने के बाद गिरोह ने गुरुवार की रात करीब 9 बजे बहिलपुरवा थाना अंतर्गत कैलहा में जमकर तांडव मचाया। शराब के नशे में चूर दस्यु गैंग ने आधा दर्जन आदिवासियों को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया।
शुक्रवार की भोर डरे-सहमें पीडि़त परिवारों ने गांव ही छोड़ दिया है। हालांकि कैलहा गांव के प्रधान राम सिंह का कहना है कि इस क्षेत्र में यह आम बात है। ज्यादातर लोग गांव छोड़कर जिला मुख्यालयों में रहते है।
इस वजह से डकैतों से विरोध भी नहीं होता और पुलिस परेशान भी नहीं करती। मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही पाठा क्षेत्र में एक बार फिर दस्यु गैंग सक्रिय हो गई है।
शराब के नशे में चूर
गुरुवार की रात एक दर्जन की संख्या में 5 लाख का ईनामी डकैत बबली कोल कैलहा गांव से निकल रहा था। गैंग के कुछ सदस्य शराब के नशे में चूर थे। जिन्होंने रास्ते में मिले आधा दर्जन आदिवासियों को बंदूक की बटों से पीटना शुरु कर दिया। डरे-सहमे ग्रामीण शांत होकर मार खाते रहे। जब किसी गांव वाले ने विरोध नहीं किया तो बदमाश जंगल की ओर चले गए।
इन ग्रामीणों से मारपीट
डकैतों की मार से जो ग्रामीण घायल हुए है। उसमें कैलहा निवासी भोंड़ा पुत्र हरिया, नत्थू पुत्र रामचरण, अच्छेलाल पुत्र सुखलाल, मईयादीन पुत्र महावीर, धनुआ पुत्र अन्ना के अलावा श्यामसुन्दर कोल की पत्नी को बंदूक की बट से मारपीट की है। घटना के बाद इलाज के लिए चित्रकूट में भर्ती कराने के बाद दस्यु गिरोह की तलाश में आसपास के जंगलों में सर्चिंग शुरू कर दी गई है।
दहशत फैला रहा गिरोह
पाठा क्षेत्र के लोगों की मानें तो चुनावी आग में तप रहे सीमाई क्षेत्र में बबली गिरोह अचानक दहशत फैला रहा है। बबली कोल अपने पूर्ववर्ती दस्यु सरगना ददुआ व ठोकिया की तर्ज पर चुनाव का फायदा राजनीतिक दलों से लेना चाहता है। एमपी-यूपी सीमा से जुड़ी एक दर्जन सीटों में प्रत्याशियों को जिताने का ठेका लेते रहे हैं और फरमान जारी कर अपने पसंद के प्रत्याशी को वोट देने के लिए मतदाताओं को मजबूर करते रहे हैं। ठीक उसी तरह बबली गिरोह भी चुनाव के दौरान नोटों की फसल काटना चाहता है।