नगरीय निकायों पर दी जिम्मेदारी शहरी क्षेत्रों में नगर नियोजन और पर्यावरण संतुलन की दृष्टि से राज्य शासन द्वारा वृक्षारोपण कराने का निर्णय शासन ने लिया है। इसके साथ ही नगरीय निकायों को लक्ष्य तय किए गए हैं। निगमायुक्त सहित सीएमओ को निर्देशित किया गया है कि बारिश के पहले ही इस बात का सर्वे करवा लिया जाए कि कितने क्षेत्रफल में किस प्रजाति के पौधे लगाए जा सकते हैं। शहरी क्षेत्र में सभी प्रमुख मार्गों, उद्यानों, विकास योजना में आरक्षित ग्रीन बेल्ट क्षेत्रों व अन्य प्रमुख स्थानों में सघन वृक्षारोपण के निर्देश दिए गए हैं।
इस तरह होगा वृक्षारोपण कहा गया है कि प्रजातिवार पौधों का आंकलन कर नर्सरियों से नियोजन कर लिया जाए। पौधे खरीदने में पूरी पारदर्शिता बरती जाए। नर्सरी से लिया जाने वाला पौधा स्वस्थ व गुणवत्ता का हो। पोधरोपण के साथ उसकी सुरक्षा व रखरखाव की भी व्यवस्था की जाए।
30 जून तक कार्ययोजना कहा गया है कि वर्षाकाल में वृक्षारोपण तय लक्ष्य के अनुसार हो जाना चाहिए। इसके लिये 30 जून तक पूरी कार्ययोजना तैयार कर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को दे दी जाए। साथ ही 31 अगस्त तक पूरे वृक्षारोपण की स्थिति चाही गई है।
यह है लक्ष्य निकाय – लक्ष्य वृक्षारोपण – वित्तीय लक्ष्य नगर निगम सतना – 50000 – 2500000 नगर पालिका मैहर – 3000 – 150000 नगर परिषद नागौद – 3000 – 150000
नगर परिषद उचेहरा – 3000 – 150000 नगर परिषद कोठी – 3000 – 150000 नगर परिषद अमरपाटन – 3000 – 150000 नप रामपुर बाघेलान – 3000 – 150000 नगर परिषद कोटर – 2000 – 100000
नगर परिषद चित्रकूट – 3000 – 150000 नगर परिषद बिरसिंहपुर – 2000 – 100000 नगर परिषद जैतवारा – 2000 – 100000 नगर परिषद रामनगर – 1000 – 100000