स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में शहर को देश का सबसे स्वच्छ शहर बनाकर 7 स्टार दिलाने की निगम प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। शहर को स्वच्छता की स्टार रेटिंग तभी मिलेगी जब शहर पॉलीथिन मुक्त होगा। इसलिए बिना जनसहयोग के शहर को पॉलीथिन मुक्त बनाना संभव नहीं। निगमायुक्त प्रवीण सिंह ने जनता से प्लास्टिक की थैलियों के स्थान पर कागज व जूट के थैलों का उपयोग कर शहर को स्वच्छ बनाने में निगम प्रशासन की मदद करने की अपील की है। उनका कहना है कि पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने मात्र से इसका उपयोग बंद नहीं होगा। इसके लिए जनता को भी आगे आना होगा।
टिकुरिया टोला, बिहारी चौक, लालता चौक, सिंधी कैम्प, स्टेशन रोड तथा बाजार क्षेत्र में एकसाथ छापामार कार्रवाई प्रारंभ की। पहले दिन टीमों ने कार्रवाई के नाम पर सिर्फ अमानक पॉलीथिन जब्त किया। व्यापारियों को अमानक प्लास्टिक कैरीबैग की बिक्री पूर्णत: प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए। निगम के अधिकारियों का कहना है कि पॉलीथिन का उपयोग रोकने आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।
पॉलीथिन के ज्यादा उपयोग से होने वाले नुकसान और पर्यावरण को हो रही क्षति को देखते हुए प्रदेश सरकार ने जैवअपशिष्ट नियंत्रण अधिनियम 2004 की धारा तीन में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 23 मई 2017 को पूरे प्रदेश में प्लॉस्टिक थैलियों के उत्पादन, भंडारण परिवहन एवं विक्रय पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। आदेश का पालन करते हुए नगर निगम प्रशासन ने 15 अगस्त से शहर में प्लॉस्टिक थैलियों के उपयोग पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया है। इसकी जानकारी पत्र जारी कर शहर के सभी व्यापारिक संगठनों को दी गई है।