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उच्च शिक्षा का हाल बेहाल: सतना जिले के 7 कॉलेजों में 64 पद प्राध्यापकों के स्वीकृत, 61 खाली

locationसतनाPublished: Jul 09, 2019 11:31:41 am

Submitted by:

suresh mishra

फैकल्टी नहीं होने से छात्र नहीं ले रहे प्रवेश, पहले चरण के बाद 80 फीसदी सीटें खाली

64 posts professors approved, 61 empty in 7 colleges Satna district

64 posts professors approved, 61 empty in 7 colleges Satna district

सतना. जिले में उच्च शिक्षा के हाल बेहाल है। ग्रामीण अंचल में कॉलेज तो खोल दिए पर इन कॉलेजों में प्राध्यापकों की पदस्थापना नहीं की गई। हालात ऐसे हैं कि सात ग्रामीण महाविद्यालयों में शासन द्वारा स्वीकृत सहायक प्राध्यापकों के 64 में से 61 पद रिक्त हैं। महज उचेहरा महाविद्यालय में इतिहास, वाणिज्य को मिलाकर दो सहायक प्राध्यापक और मझगवां महाविद्यालय में भूगोल के एक सहायक प्राध्यापक का पद भरा है। अमदरा, बदेरा, ताला, नादन और बिरसिंहपुर में एक भी स्थाई प्राध्यापक नियुक्त नहीं है। यहां खाली पदों पर अतिथि विद्वानों के भरोसे कॉलेज चल रहे हैं। ऐसे में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कमलनाथ सरकार को इन पदों को शीघ्र भरना होगा।
डिग्री कॉलेज भी
अग्रणी महाविद्यालय में स्वीकृत 70 पदों में 57 प्राध्यापक नियुक्त हैं। 13 पद रिक्त हैं। अतिथि विद्वानों के भरोसे काम चलाया जा रहा। यहां राजनीति विज्ञान में स्वीकृत 5 पदों में 2, कॉमर्स में 5 पदों में 2, गणित में 5 पदों में 1, जियोलॉजी 4 पदों में 2, फिजिक्स 8 पदों में 1, केमेस्ट्री 9 पदों में 3, जुलाजी 5 पदों में 1, बॉटनी 5 पदों में 1 और स्पोर्ट्स ऑफिसर का एक पद खाली है।
दो-दो माह की ड्यूूटी
सात नवीन महाविद्यालयों के संचालन का जिम्मा डिग्री कॉलेज के प्राचार्य को सौंपा है। प्राचार्य दो-दो महीने के लिए प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापकों की ड्यूूटी लगाते हैं। ये प्रभारी प्राचार्य से लेकर संबंधित विषय का पठन-पाठन, एडमिशन सहित अन्य सरकारी काय करते हैं। गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति, अटेंडेंस, लिपिकीय कार्य की जिम्मेदारी इन्हीं पर होती है।
कई कॉलेजों का खुद का भवन भी नहीं
ग्रामीण कॉलेजों में बीए, बीकॉम और बीएसएसी में 95 फीसदी प्राध्यापकोंं के पद रिक्त हैं। यहां गेस्ट फैकेल्टी के भरोसे छात्रों का भविष्य है। प्राध्यापक नहीं होने से कई बार इन कॉलेजों की सीटें भी नहीं भर पाती हैं। यहां सिर्फ वहीं विद्यार्थी प्रवेश लेते हैं जो गांव से शहर नहीं जा सकते। खास बात यह है कि ज्यादातर महाविद्यालयों के स्वयं के भवन भी नहीं हैं। कई तो जर्जर शासकीय स्कूलों में लग रहे हैं।
ऐसी है हकीकत
कॉलेज स्वीकृत रिक्त पद पद
मझगवां 06 05
उचेहरा 09 07
अमदरा 09 09
बदेरा 09 09
ताला 19 19
नादन 06 06
बिरसिंहपुर 06 06

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