जिला विपणन अधिकारी ने बताया कि सोमवार को यूरिया की एक और सतना पहुंच रही है। इससे जिले को 650 टन यूरिया और मिलेगी। दो दिन में 1500 एमटी खाद का स्टाक मिलने से यूरिया की किल्लत पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। जिला प्रशासन ने समितियों को मांग के अनुसार उर्वरक उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए हैं।
प्रशासन ने ली राहत की सांस
जिले में तेजी से घट रहे यूरिया के स्टाक और बढ़ती मांग को देखते हुए प्रशासन की सांस फूलने लगी थी। लेकिन, रविवार को यूरिया की रैक सतना पहुंचते ही प्रशासन ने राहत की सांस ली। कृषि अधिकारियों का कहना है, अब गोदामों में दस हजार क्विंटल यूरिया का भंडारण होने से खाद की किल्लत समाप्त हो गई है। कल एक रैक और आने से किसानों को भरपूर यूरिया मिल सकेगी।
जिले में तेजी से घट रहे यूरिया के स्टाक और बढ़ती मांग को देखते हुए प्रशासन की सांस फूलने लगी थी। लेकिन, रविवार को यूरिया की रैक सतना पहुंचते ही प्रशासन ने राहत की सांस ली। कृषि अधिकारियों का कहना है, अब गोदामों में दस हजार क्विंटल यूरिया का भंडारण होने से खाद की किल्लत समाप्त हो गई है। कल एक रैक और आने से किसानों को भरपूर यूरिया मिल सकेगी।
बारिश में बढ़ेगी मांग
जिले में इस साल सवा लाख हेक्टेयर में गेहूं की बोवनी की गई है। बोवनी का कार्य पूर्ण होने के बाद छिड़काव के लिए किसान यूरिया का उपयोग कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि यदि तेज बारिश नहीं हुई तो तीस जनवरी के बाद यूरिया की मांग घट जाएगी। लेकिन, यदि अगले एक दो सप्ताह में तेज बारिश हुई तो यूरिया की मांग और बढ़ेगी। वर्तमान स्थित को देखते हुए अभी किसानों को दो हजार एमटी उर्वरक उपलब्ध करानी होगी।
जिले में इस साल सवा लाख हेक्टेयर में गेहूं की बोवनी की गई है। बोवनी का कार्य पूर्ण होने के बाद छिड़काव के लिए किसान यूरिया का उपयोग कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि यदि तेज बारिश नहीं हुई तो तीस जनवरी के बाद यूरिया की मांग घट जाएगी। लेकिन, यदि अगले एक दो सप्ताह में तेज बारिश हुई तो यूरिया की मांग और बढ़ेगी। वर्तमान स्थित को देखते हुए अभी किसानों को दो हजार एमटी उर्वरक उपलब्ध करानी होगी।