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बिना एलाइजा जांच ही बुखार के मरीजों को बता रहे डेंगू, सैम्पल नहीं भेजे जाते जिला अस्पताल

locationसतनाPublished: Dec 13, 2018 01:14:15 pm

Submitted by:

suresh mishra

जिम्मेदारों ने चिकित्सा संस्थानों की मनमानी पर साधी चुप्पी

7 warning signs of dengue fever

7 warning signs of dengue fever

सतना। यदि आपको जिले के किसी चिकित्सा संस्थान ने बिना एलाइजा जांच डेंगू होना बताया है तो चिंतित नहीं हों। सबसे पहले जिला अस्पताल में एलाइजा जांच कराएं। यह जांच जिला अस्पताल में नि:शुल्क होती है। यह डेंगू की सबसे विश्वसनीय जांच मानी जाती है। जिले के निजी चिकित्सा संस्थान बिना एलाइजा जांच के पीडि़तों को डेंगू की पुष्टि कर रहे हैं।
किट जांच के बाद बुखार पीडि़तों को डेंगू होना बताकर भर्ती किया जा रहा है। फिर पीडि़तों से जांच और दाखिले के नाम पर मनमानी वसूली की जा रही। सीएमएचओ, डीएचओ सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों को निजी चिकित्सा संस्थानों की मनमानी की जानकारी है पर संरक्षण और मिलीभगत के चलते जिम्मेदार कार्रवाई तो दूर जांच तक की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। इस मेहरबानी के कारण अस्पताल आने वाले मरीज लुट रहे हैं।
वसूली का खेल
डेंगू संदिग्ध सामने आने पर सबसे पहले इसकी जानकारी सीएमएचओ व मलेरिया कार्यालय को देना है। ऐसे पीडि़तों के रक्त का सैंपल जिला अस्पताल एलाइजा जांच के लिए भेजना है। लेकिन, वसूली के खेल के चलते ऐसा नहीं किया जा रहा। एलाइजा जांच के बाद हकीकत सामने आ जाने से पीडि़त को दाखिल नहीं कर पाएंगे। दो निजी संस्थानों को छोड़ दें तो सैंपल ही जांच के लिए अस्पताल नहीं भेजे जाते हैं।
जानकारी भी नहीं देते
संचालनालय स्वास्थ्य सेवा ने बैक्टरजनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत निजी चिकित्सा संस्थानों को डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू सहित अन्य रिपोर्ट प्रतिदिन सीएमएचओ दफ्तर भेजने निर्देशित किया है। ताकि समय रहते बीमारी की रोकथाम के प्रयास किए जा सकें। लेकिन निजी चिकित्सा संस्थानों ने संचालनालय के निर्देशों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया है।
नियंत्रण की कार्रवाई भी प्रभावित
निजी चिकित्सा संस्थानों की मनमानी से निरोधक कार्रवाई भी जमकर प्रभावित हो रही है। जानकारी के अभाव में जिला मलेरिया विभाग द्वारा लार्वा परीक्षण, व मच्छर निरोधक कार्रवाई नहीं की जाती है। इससे रोगियों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है।
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