218 से बढ़कर 290 करोड़ का ठेका
जिले में अभी शराब की 71 दुकानें हैं। इनमें से 45 दुकानें देशी शराब की हैं और 26 दुकानें विदेशी शराब की हैं। इन दुकानों को अभी 25 समूह संभाल रहे हैं। जिले में पिछला ठेका लगभग 218 करोड़ का हुआ था। इस बार 290.62 करोड़ में पाण्डेय एसोसिएट को ठेका मिला है। नीलामी में 272 करोड़ रुपए रिजर्व प्राइज रखा गया था। 273.12 करोड़ से बोली शुरू हुई और पहली बोली पाण्डेय एसोसिएट की ओर से भाटिया गु्रप ने लगाई। फिर 50-50 लाख की बोली बढ़ती गई। रायसेन मार्केट प्राइवेट लिमिटेड ने जब 290.12 करोड़ रुपए की बोली लगाई तो पाण्डेय एसोसिएट ने 50 लाख बढ़ाकर 290.62 करोड़ की बोली कर दी और अंत में एकल समूह पाण्डेय एसोसिएट को टेंडर दे दिया गया।
जिले में अभी शराब की 71 दुकानें हैं। इनमें से 45 दुकानें देशी शराब की हैं और 26 दुकानें विदेशी शराब की हैं। इन दुकानों को अभी 25 समूह संभाल रहे हैं। जिले में पिछला ठेका लगभग 218 करोड़ का हुआ था। इस बार 290.62 करोड़ में पाण्डेय एसोसिएट को ठेका मिला है। नीलामी में 272 करोड़ रुपए रिजर्व प्राइज रखा गया था। 273.12 करोड़ से बोली शुरू हुई और पहली बोली पाण्डेय एसोसिएट की ओर से भाटिया गु्रप ने लगाई। फिर 50-50 लाख की बोली बढ़ती गई। रायसेन मार्केट प्राइवेट लिमिटेड ने जब 290.12 करोड़ रुपए की बोली लगाई तो पाण्डेय एसोसिएट ने 50 लाख बढ़ाकर 290.62 करोड़ की बोली कर दी और अंत में एकल समूह पाण्डेय एसोसिएट को टेंडर दे दिया गया।
महंगा पड़ेगा शौक
आबकारी नीति में बदलाव के बाद यह तय हो चुका है कि शराब के शौकीनों को अब अपने इस शौक को पूरा करने के लिए पहले से कुछ अधिक रकम खर्च करनी होगी। नए वित्तीय वर्ष में शराब के दाम बढ़ने से शराब के शौकीनों की जेब पर कुछ अधिक भार पड़ेगा। नई नीति के तहत बढ़ी कीमतों में टेंडर होने से कीमतों में भी उछाल आएगा
आबकारी नीति में बदलाव के बाद यह तय हो चुका है कि शराब के शौकीनों को अब अपने इस शौक को पूरा करने के लिए पहले से कुछ अधिक रकम खर्च करनी होगी। नए वित्तीय वर्ष में शराब के दाम बढ़ने से शराब के शौकीनों की जेब पर कुछ अधिक भार पड़ेगा। नई नीति के तहत बढ़ी कीमतों में टेंडर होने से कीमतों में भी उछाल आएगा