यह है मामला अमित ओम पाण्डेय मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते हैं। उन्हें कंपनी की ओर से वीजा ऑन अराइवल मोड में हांगकांग भेजा गया। जब वे हांगकांग एअर पोर्ट पर उतरे और क्लियरेंस चेक हुआ तो उनके पासपोर्ट पते और गूगल मैप में पते ( व्यावसायिक पते) में अंतर आने से उन्हें रोक लिया गया। पासपोर्ट में उनके पते में नजीराबाद का उल्लेख नहीं था। लेकिन एअर पोर्ट में जब व्यावसायिक मैप चेक किया गया तो उसमें इनके पते में नजीराबाद लिखा मिल गया। फिर क्या था इसको लेकर इनसे लंबी पूछताछ का दौर शुरू हुआ। वैरीफिकेशन में लगभग तीन घंटे लग गए और इस दौरान उन्हें एअरपोर्ट पर रोके रखा गया। इस घटना के बाद वे लगातार जिला प्रशासन का ध्यान इस दिशा में आकृष्ट करते रहे लेकिन कोई हल नहीं निकला। लेकिन इसके दुष्परिणाम अब ज्यादा स्तर पर सामने शुरू हो गये हैं तो एक बार फिर प्रशासन से इस मामले में पहल की उम्मीद की जाने लगी है।
यह है गड़बड़ी अभी सामान्य लोग गूगल मैप पर अपनी लोकेशन देखने या फिर एक स्थान से दूसरे स्थान तक यात्रा करने के दौरान रास्ते का पता करने के लिये करते हैं। व्यावसायिक संस्थान भी अपने बिजनेस की जानकारी गूगल मैप में डालते हैं , लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा कि इसमें क्षेत्र विशेष की जीआईएस मैपिंग करते हुए उसके ब्लाक (एरिया) तय किए जाते हैं। सतना नगर में ऐसे ही अलग-अलग क्षेत्रों की मैपिंग की गई है। लेकिन नजीराबाद इलाके की मैपिंग में बहुत बड़ी गड़बड़ी कर दी गई है। गूगल मैप में नजीराबाद की मैपिंग आधे बाजार को समेटते हुए पन्नीलाल चौक तक कर दी गई गई है।
यह एरिया गूगल मैप में अब नजीराबाद में भले ही सतना वालों के लिये नजीराबाद एक बस्ती/मोहल्ला है। लेकिन गूगल मैप में देखा जाए तो इसका इलाका अब काफी बड़ा है। अब नजीराबाद में वैष्णोदेवी मंदिर, गौशाला चौक, सिटी कोतवाली चौराहा, बिहारी चौक, लालता चौक, पन्नीलाल चौक, पुराना पावर हाउस चौक, गनपत मार्ग, डालीबाबा पंजाबी कालोनी, हनुमान चौक, चौक बाजार, पुरानी पावर हाउस रोड, विश्वासराव सब्जी मंडी रोड, झूलेलाल मंदिर, बजरहा टोला आदि शामिल हो गए हैं। गूगल में इन इलाकों का पता अब नजीराबाद, सतना, मध्यप्रदेश हो गया है। मसलन आप पन्नीलाल चौक स्थित सुदर्शन कॉम्पलेक्स को गूगल मैप में लिखेंगे तो इसका पता गनपत मार्ग, नजीराबाद, सतना, मध्यप्रदेश, 485001, इंडिया हो गया है। जबकि 2018 में इसका पता सतना, मध्यप्रदेश हुआ करता था।
यह है नुकसान गूगल मैप में गलत जीआईएस मैपिंग के नुकसान के संबंध में मल्टीनेशनल सॉफ्टवेयर कंपनी में सिक्योरिटी हिस्से पर काम करने वाले अमित ओम पाण्डेय बताते हैं कि कम दिनों पर विदेश यात्रा करने वाले लोग वीजा ऑन अराइवल पर जाते हैं। इसके लिये एअर पोर्ट पर रेण्डम चेक का विंडो होता है। जिसमें संबंधित के वैरीफिकेशन के तमाम प्रोसीजर होते हैं। जिसमें व्यावसायिक पते का मैप वारीफिकेशन भी एक तरीका होता है। इसी तरह से यह मामला सरकारी / सिटीजन डाटा कंप्रोमाइज करने से जुडा है, चूँकि अब सतना के रहवासियों के पते बदल चुके हैं जो उनके निजी डेटा अंतर्गत आते हैं और भारत के डेटा प्राइवेसी प्रावधान के अंतर्गत भी । शासन के हर क्षेत्र की अपनी हद तय है। जिससे स्पष्ट होता है कि फला इलाका किस नाम से जाना जाएगा। लेकिन गूगल मैप ने शासन की इस हदबंदी को बिगाड़ा है। इतना ही नहीं अगर आप लोन लेना चाहते हैं तो उसमें भी असर होगा। जैसे अगर आप बैंक बाजार डाट काम पर जाएंगे तो आपकी पर्सनल क्रेडिट तो सही मिलेगी लेकिन लोकेशन निगेटिव मिलने से लोन में दिक्कत हो सकती है | लोन के लिये पन्नीलाल चौक ग्रीन एरिया में है लेकिन नजीराबाद निगेटिव में है। इसके व्यापारिक नुकसान भी है। मसलन आप अगर जियो का टावर लगाने माय जियो के पार्टनर विथ में जाएंगे तो वहां लोकेशन गूगल मैप से वैरीफाई होगी। जिसमें इस लोकेशन पर पहले ही टॉवर दिख जाएगा या नेगेटिव लोकेशन प्रोफाइल का प्रभाव पड़ेगा। सबसे बड़ा मामला सेंसस में अंतर आएगा। जैसे कोविड पॉजिटिव डाटा को चेक करेंगे तो एरिया बड़ा होने से इसके प्रतिशत के आंकड़े भी बदले नजर आएंगे।