scriptसाहित्य की विभिन्न विधाओं और रसों में आनंद ही आनंद | A series of gazals in the composition symposium | Patrika News

साहित्य की विभिन्न विधाओं और रसों में आनंद ही आनंद

locationसतनाPublished: Jan 20, 2019 08:37:59 pm

Submitted by:

Jyoti Gupta

रचनापाठ संगोष्ठी में गजलों का चलता रहा सिलसिला

A series of gazals in the composition symposium

A series of gazals in the composition symposium

सतना. साहित्य अकादमी, भोपाल के साहित्यिक उपक्रम, पाठक मंच सतना के तत्वावधान में सतीश कामर्श क्लासेस में रचनापाठ संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार चिंतामणि मिश्र ने की। अतिथि बघेली कवि जमीलुद्दीन सिद्धिकी और गोरखनाथ अग्रवाल रहे। संचालन युवा लेखक मयंक अग्निहोत्री ने किया। इस संगोष्ठी में कृष्ण मुरारी त्रिपाठी अटल, व्यंग्य कवि मयंक अग्निहोत्री, मैहर के शिवम चौरसिया ने गजल और रुबाई, नीलू जायसवाल ने कविता मिट्टी, रचना त्रिपाठी ने गजल और गीत दिल देने के बाद, आशुतोष द्विवेदी ने कविता करुण याचना, उमेश गौतम शास्त्री ने कविता नेह का बंधन, अब्दुल गफ्फ ार खान ने गजल, गंगा गुप्ता ने कविता प्रीति की रीति, राजेश सेन ने प्रेमपत्र, रफ ीक सतनवी ने गजल, नागौद के पुनीत तिवारी ने बसंत आये तो, निर्मला सिंह ने कविता भ्रूण हत्या, जमीलुद्दीन सिद्धिकी खुसरो ने बघेली कविता बची रहै आजादी, गोरखनाथ अग्रवाल ने कविता हिंदू मुस्लिम भाई-भाई, चिंतामणि मिश्र ने नई कविता कौन से धर्माचार्य ने कविता और अनिल अयान ने व्यंग्य विकास का पाठ किया। संयोजक अनिल अयान ने सभी साहित्यकारवृंद को कलम भेंट कर सभी आगंतुकों का सम्मान और आभार प्रदर्शित किया।
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