इस योजना के लागू होने के बाद अब देशभर के नागरिक देश के किसी भी राशन की सरकारी दुकान में अपना राशन कार्ड दिखाकर राशन खरीद सकते हैं। यानी एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर भी नया राशन कार्ड बनवाने की जरूरत नहीं होगी। पुराने राशन कार्ड का ही इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस कार्ड से दूसरे राज्य से भी सरकारी राशन खरीदा जा सकेगा। दरअसल, यह योजना मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) की तरह है, जिस तरह मोबाइल पोर्ट में उपभोक्ता का नंबर नहीं बदलता है और वह देशभर में एक ही नंबर से बात करना जारी रखता है। ठीक उसी तरह, राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी में राशन कार्ड नहीं बदलेगा।
भारत सरकार के महत्वाकांक्षी वन नेशन वन राशन कार्ड सिस्टम को पूरी तरह से धरातल पर लागू करने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 अंतर्गत सम्मिलित समस्त पात्र लाभार्थियों के डेटाबेस को 31 जुलाई तक आधार से लिंक किया जाना है। कलेक्टर अजय कटेसरिया ने सभी संबधित अधिकारियों को समय सीमा में आधार सीडिंग का कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
उचित मूल्य दुकान पर लगाई गई पीओएस मशीन में पात्र लाभार्थियों के आधार नंबर दर्ज करने एवं संशोधन की सुविधा उपलब्ध है। आधार नंबर दर्ज दर्ज करने के साथ-साथ ई-केवाईसी भी किए जा सकेंगे। सभी लाभार्थियों से जुलाई में आधार नंबर प्राप्त किए जाएंगे एवं पीओएस मशीन के माध्यम से डेटाबेस में आधार नंबर दर्ज किए जाएंगे। आधार नंबर सही होने पर ही राशन वितरण किया जाएगा। निर्धारित तिथि तक आधार नंबर उपलब्ध नहीं कराने वाले लाभार्थियों को अगस्त में आधार नंबर उपलब्ध कराने पर ही राशन प्रदान किया जाएगा।
पीओएस मशीन के माध्यम से जिन लाभार्थियों को राशन नहीं मिल पा रहा हो ऐसे लाभार्थियों की सूची तैयार उनका भौतिक सत्यापन भी होगा। सत्यापन के दौरान परिवार के उपलब्ध होने पर उनके भी आधार नंबर पोर्टल पर दर्ज कराए जाएंगे। अस्तित्वहीन अपात्र परिवारों को जिला कलेक्टर के अनुमोदन से अस्थाई रूप से पोर्टल से हटा दिया जाएगा। अगर कोई परिवार दोबारा अपने आधार नंबर उपलब्ध कराता है तो उसे संचालक खाद्य की अनुमति से जोड़ कर उनकी शेष पात्रता अनुसार राशन प्रदाय किया जाएगा।
बगैर आधार नंबर वाले लाभार्थियों को आधार पंजीयन कराने के लिए दुकान पर नियुक्त नोडल अधिकारी, विक्रेता के माध्यम से मिली जानकारी के मुताबिक आधार पंजीयन करेंगे।