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आए थे फल सब्जी मंडी का विवाद सुलझाने, उलझाकर चले गए अपर संचालक

locationसतनाPublished: Jun 16, 2019 11:55:44 pm

Submitted by:

Sukhendra Mishra

अवैध मंडी हटाने की चर्चा तक नहीं, बैध मंडी के व्यापारियों पर कार्रवाई के निर्देश

additional director in Came to the fruit vegetable market

additional director in Came to the fruit vegetable market

सतना. फल-सब्जी व्यापार को लाइसेंसी फल-सब्जी मंडी में शिफ्ट करने में आ रही बाधाओं का निराकरण करने के लिए शनिवार को मंडी बोर्ड भोपाल के अपर संचालक केदार सिंह सतना पहुंचे। उन्होंने सुबह डिलौरा में संचालित निजी फल-सब्जी मंडी का निरीक्षण कर व्यापारियों से लाइसेंसी मंडी में कारोबार शिफ्ट करने में आ रही परेशानियों पर चर्चा की। दोपहर बाद अपर संचालक कृषि उपज मंडी पहुंचे और लाइसेंसी फल-सब्जी मंडी का निरीक्षण कर मंडी कार्यालय में दोनों मंडियों के व्यापारियों की बैठक लेकर मंडी शिफ्टिंग का समाधान निकाला।
अपर संचालक ने नई फल-सब्जी मंडी के सभी 9 चबूतरों पर व्यापारियों का ताला देखकर नाराजगी व्यक्त की। मंडी सचिव को किसान शेडों का स्वरूप बदलकर किए गए अवैध कब्जों को गिराकर चबूतरा खाली कराने के निर्देश दिए। स्पष्ट किया कि कृषक चबूतरों पर किसी को शटर लगाकर व्यापार करने की अनुमति नहीं है। जिन्हें मंडी परिसर में कारोबार करना है, वे जमीन लेकर दुकान बनाएं और उस पर कारोबार करंे। जो व्यापारी मंडी से बाहर कारोबार कर रहे हैं, उनके लाइसेंस निरस्त किए जाएं।
जिला प्रशासन कौन होता है टीनशेड पर कब्जा कराने वाला
सब्जी मंडी के टीनशेडों का स्वरूप बदलकर कारोबार कर रहे व्यापारियों को टीनशेड से कब्जा हटाने को कहा तो व्यापारियों ने बताया कि एसडीएम के निर्देश पर उन्होंने सुरक्षा की दृष्टि से दीवारें बनाई हैं। दुकान बनते ही कब्जा हटा लेंगे। अपर संचालक ने कहा कि कृषक शेड पर निर्माण की किसी को अनुमति नहीं है। मंडी हमारी है, जिला प्रशासन कौन होता है निर्माण की इजाजत देने वाला।
नहीं चलेगी मनमानी, जिसे मंडी से बाहर जाना है चला जाए
अपर संचालक ने मंडी सचिव को सब्जी व्यापारियों के बिजली कनेक्शन बंद करने के निर्देश दिए तो व्यापारी भड़क गए। व्यापारियों ने कहा कि प्रशासन के कहने पर मंडी में व्यापार कर रहे हैं। जब तक दुकान नहीं बनेगी टीनशेड खाली नहीं करेंगे। इस पर अपर संचालक ने कहा कि 2500 देकर 25 हजार की बिजली जला रहे हो। कोई भी व्यापारी मंडी का मेहमान नहीं है। मंडी में कारोबार करना है तो नियम से करो नहीं करना तो मंडी से बाहर जाओ। हमें एेसे व्यापारियों की जरूरत नहीं।
निजी मंडी चलाने की इजाजत नहीं
पत्रिका से चर्चा करते हुए अपर संचालक मंडी बोर्ड केदार सिंह ने कहा कि मंडी अधिनियम में निजी फल-सब्जी मंडी बनाने का कोई प्रवाधान नहीं। डिलौरा में व्यापारी अवैध रूप से सब्जी मंडी का संचालन कर रहे हैं। लाइसेंसी मंडी से बाहर समूह में व्यापार की अनुमति किसी को नहीं। एेसे व्यापारियों पर कार्रवाई की जाएगी। जब उसके पूछा गया कि एमडी द्वारा हटाने के निर्देश के बाद भी छह माह से यह निजी फल-सब्जी मंडी चल रही है, आज तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? इस पर उन्होंने कहा कि इसी का समाधान ढूंढऩे आए हैं। जल्द ही निजी मंडी को लाइसेंसी मंडी में शिफ्ट कर दिया जाएगा। जो व्यापारी नियमित मंडी में कारोबार नहीं करेगा, उसे लाइसेंस रखने का अधिकार नहीं।
9 चबूतरों का उपयोग नहीं, फिर 10 वें का निर्माण क्यों
अपर संचालक ने बैठक में मंडी के सब इंजीनियरों की भी क्लास ली। कहा, जब मंडी में पहले से 9 चबूतरे थे, जिन पर व्यापारियों ने अवैध निर्माण कर लिया है तो फिर 10 वां चबूतरा क्यों बनाया जा रहा? इंजीनियर को फटकार लगाते हुए कहा कि मनमानी निर्माण की स्वीकृति लेकर मंडी का पैसा बर्बाद करना बंद करो। पूरी मंडी में चबूतरा बनवा दोगे तो किसान टहलेंगे कहां। उनका सांस लेना मुश्किल हो जाएगा।
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