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बोले विधायकः निजी अस्पतालों की लूट रोकने फरवरी 2020 का बेस चार्ज जारी करे प्रशासन

locationसतनाPublished: May 12, 2021 04:19:48 pm

Submitted by:

Ramashankar Sharma

मुख्यमंत्री ने निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों से होने वाली मनमानी वसूली रोकने की मंशा पर सतना सीएमएचओ पानी फेर रहे हैं। निजी अस्पतालों अस्पताल कोविड काल से पहले फरवरी 2020 में इलाज का जो शुल्क ले रहे थे उसे बेस चार्ज मानते हुए 40% अधिक लेने की छूट दी। लेकिन सतना सीएमएचओ बेस चार्ज सार्वजनिक करने से कतरा रहे हैं। लिहाजा अधिक वसूली का जिले में किसी को पता नहीं चल रहा। अब जिले के विधायकों ने इसे तत्काल जारी करने की बात कही है…

Administration to issue base charge of private hospitals in Feb. 2020

Administration to issue base charge of private hospitals in Feb. 2020

सतना. राज्य शासन ने भले ही निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम की मनमानी शुल्क वसूली पर लगाम लगाने के लिए इलाज के खर्च की कैपिंग के आदेश जारी कर दिए हैं। डीएम ने भी इसके पालन में अपने आदेश जारी कर दिये। लेकिन कैपिंग के लिए निजी अस्पताल और नर्सिंग होम के बेस चार्ज की जानकारी चार दिन बाद भी सीएमएचओ जारी नहीं कर सके हैं। इस वजह से कोविड मरीजों को यह पता नहीं चल पा रहा है कि उनसे लिया जा शुल्क सही है या नहीं। अब इस मामले को लेकर जिले के विधायकों ने गंभीर आपत्ति जताई है। मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने हीलाहवाली को उचित नहीं बताया है तो सतना विधायक ने कहा है कि सीएमएचओ के लिये जनहित प्राथमिकता में ही नहीं है। रामपुर विधायक ने कहा कि वे यह गंभीर मामला है। नागौद विधायक ने कहा कि शासन के निर्देशों का क्रियान्वयन कराना वरिष्ठ अधिकारियों की जिम्मेदारी होनी चाहिए। विधायक नीलांशु ने भी बेस चार्ज शीघ्र जारी करने की बात कही है।
यह है मामला

राज्य शासन ने निजी अस्पताल और नर्सिंग होम के इलाज के खर्च के लिये यह तय किया है कि इनके द्वारा जो इलाज का खर्च फरवरी 2020 में लिया जा रहा था, कोविड इलाज में उस खर्च का अधिकतम 40 फीसदी बढ़ाकर ही शुल्क अब लिया जाएगा। इसके लिए सीएमएचओ फरवरी का निजी चिकित्सा संस्थाओं का इलाज का खर्च जारी करना था। जो नहीं जारी किया जा रहा है।
फीस कैपिंग के लिए हीलाहवाली बर्दाश्त नहींः नारायण

मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा कि फीस कैपिंग की शासन की मंशा तब तक प्रभावी नहीं हो सकती है जब तक की फरवरी 2020 का निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम का लिया जाने वाला बेस चार्ज न सार्वजनिक हो। बिना इसके मरीज को पता ही नहीं चलेगा कि उससे ज्यादा शुल्क लिया जा रहा है। इस मामले में हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं है। अगर अगले दिन बेस चार्ज जारी नहीं होते हैं तो हम सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हटेंगे। उधर निजी चिकित्सा संस्थानों को आपदा काल में जनहित को प्राथमिकता में रखते हुए निर्णय लेने चाहिए। आज सेवा का दौर है।
वरिष्ठ अधिकारी को पालन कराना चाहिएः नागेन्द्र

नागौद विधायक नागेन्द्र सिंह ने कहा कि कोई भी पॉलिसी काफी सोच विचार कर व्यापक हित में जारी की जाती है। लेकिन अगर इसका जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन नहीं होता है तो उसके कोई मायने नहीं रह जाते हैं। शासन की तय पॉलिसी का पालन कराना प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी की जिम्मेदारी होनी चाहिए। फिर फीस कैपिंग तो गंभीर मुद्दा है। इसका बेस चार्ज तो आमजनमानस को पता होना ही चाहिए।
भ्रष्टाचार की धुरी पर जनहित हाशिये मेंः सिद्धार्थ

विधायक सतना ने सिद्धार्थ कुशवाहा ने कहा कि कोरोना आपदा काल में तो सबसे बड़ी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की है। लेकिन वहां की स्थितियां भ्रष्टाचार की धुरी टिकी नजर आ रही हैं और जनहित हाशिये पर आ गये हैं। मनमानी शुल्क के मामले में तो सीएमएचओ को तत्काल निर्णय लेकर जनमानस को सूचित करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो उनके ऊपर के अधिकारी क्या देख रहे हैं। इन दिनों तो कोई सुनवाई जनप्रतिनिधियों की नहीं हो रही है यही वजह है कि अब बैठकों में जाना बंद कर दिए हैं।
सीएमएचओ से बात करता हूंः विक्रम

रामपुर विधायक विक्रम सिंह ने कहा कि यह अत्यंत गंभीर मामला है। फीस कैपिंग तभी प्रभावी होगी जब लोगों को पता चलेगा कि फरवरी का बेस चार्ज क्या था। इसके आधार पर ही लोग जानेंगे कि उनसे कितना अधिक शुल्क वसूला जा रहा है। तभी तो वे अपने साथ होने वाली अधिक वसूली की शिकायत कर सकेंगे। इस मामले में मैं स्वयं सीएमएचओ से चर्चा करुंगा।
कलेक्टर को संज्ञान लेना चाहिएः नीलांशु

इस मामले में चित्रकूट विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने कहा कि जिस दिन कलेक्टर ने आदेश जारी किया उसके तत्काल बाद ही सीएमएचओ को फरवरी 2020 का शुल्क जारी कर देना चाहिए। शहर के 10-11 निजी अस्पताल व नर्सिंग होम का बेस चार्ज पता करके जारी करने में कितना वक्त लगता है। लेकिन इसके लिए मंशा और प्राथमिकता होना जरूरी होता है। जिसका आभाव दिख रहा है। कलेक्टर को इस मामले को संज्ञान लेना चाहिए।
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