अभिषेक की हत्या का मुख्य मास्टर माइंड पीडब्लूडी अफसर कई बड़े नेताओं के अलावा ठेकेदारों के संपर्क में था। हत्या के बाद आरोपी ने पुलिस को गुमराह करने के लिए कई हथकंडे भी अपनाए। आरोपी ने शहडोल स्थित अपने निवास का ताला भी तुड़वा दिया था। हत्याकाण्ड मामले में गिरफ्तार एक आरोपी से पूछताछ और जांच के दौरान कई तथ्य सामने आ रहे हैं।
पुलिस का कहना है कि आरोपी शेरू उर्फ शेर अली निवासी शहडोल को जेल भेजने से पहले उसका मोबाइल फोन बरामद कर लिया है। इसके पहले पुलिस ने आरोपी शेरू के पास से लकड़ी का पटरा जब्त करना बताया था। जिससे अभिषेक के सिर में पीछे से वार किया गया था। लेकिन वह गाड़ी अब तक जब्त नहीं की गई, जिससे आरोपी अपराध करने आए थे। पुलिस का कहना है कि प्रदीप के मिलने के बाद ही वाहन के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि जिस गाड़ी में सवार होकर आरोपी आए थे, उसके सीसीटीवी फुटेज भी मिले हैं। सिविल लाइन चौराहे के एक कैमरे में उस गाड़ी का फुटेज मिला है जिसमें सामने की ओर दो व्यक्ति नजर आ रहे हैं। इस बात की पुष्टि नहीं कि गाड़ी में दो से अधिक लोग सवार थे या नहीं? बड़े स्तर पर मामले को मैनेज करते हुए, अब इस मर्डर मिस्ट्री से कुछ लोगों का बचाव किया जा रहा है। सीधे तौर पर प्रदीप को आरोपी बनाते हुए शेरू को सह अभियुक्त बता दिया गया।
सूत्रों की मानें तो आरोपी शहडोल पहुंचने के बाद घर में ही कार खड़ी कर दिया था। कुछ दिन बाद में एक युवक की मदद से शहडोल रेलवे स्टेशन पहुंचा, जिसके बाद से अंडरग्राउंड हो गया। जानकारी के अनुसार, बड़वानी और मैहर में आरोपी प्रदीप सिंह के काफी नजदीकी हैं। आरोपी इन दो जगहों में भी अपना ठीहा बना सकता है।
इस सनसनीखेज अपराध में शुरूआती दौर से ही पीडि़त परिवार सीबीआइ जांच की मांग कर रहा है। पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि अब पुलिस की कार्रवाई देखने के बाद अभिषेक के परिजन सीबीआइ जांच की मांग से पीछे नहीं हटे हैं। संदेह है कि इस अपराध में कई लोग शामिल हैं। उन चेहरों को सामने लाने के लिए सीबीआइ जांच के लिए प्रदेश स्तर पर भी फरियाद करने का मन परिवार बना रहा है।
पुलिस की पहली पूछताछ में आरोपी ने वारदात के दिन मृतक अभिषेक के घर में होना स्वीकार किया। आरोपी ने गुमराह किया कि जब वे अभिषेक के घर गया तो पहले से कुछ नकाबपोश मौजूद थे। प्रदीप ने हत्या को अभिषेक के एक और रिश्तेदार से जोडऩे का प्रयास किया, जिससे पैसों का लेनदेन था। खुद को जान का खतरा बताते हुए घर में ताला तुड़वाया और खुद इधर उधर फरार रहा।
संदेह होने पर सतना पुलिस ने पूछताछ की थी। रसूख के चलते सतना पुलिस ने एक रेस्ट हाउस में बुलाकर आरोपी प्रदीप से पूछताछ की थी। जहां पर आरोपी ने पुलिस को कई तरीकों से गुमराह किया। बाद में पुलिस ने छोड़ दिया था।