ये है मामला
विवेचना में पाया कि हत्या चचेरा नाती कल्लू साकेत उर्फ बसंतलाल ने अन्य साथियों के साथ मिलकर की है। इसमें उसकी पत्नी सुंदरी साकेत भी शामिल है। पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि दंपती एक साल पहले ही गनेशा के घर में रहना शुरू किया था। कुछ समय तक रहने के बाद बाबा पर दबाव बना रहे थे कि जमीन जायदाद उनके नाम पर कर दे। लेकिन, गनेशा ने ऐसा करने से मना कर दिया। इसके बाद वे अपने घर रहने वापस चले गए। फिर षड्यंत्र रचते हुए बाबा की हत्या कर दी। पुलिस ने दोनों के खिलाफ कोर्ट में साक्ष्य प्रस्तुत किया। इस पर कोर्ट ने विचारण करते हुए दंपती को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। शासन की ओर से एजीपी उमेश शर्मा ने पक्ष रखा।
विवेचना में पाया कि हत्या चचेरा नाती कल्लू साकेत उर्फ बसंतलाल ने अन्य साथियों के साथ मिलकर की है। इसमें उसकी पत्नी सुंदरी साकेत भी शामिल है। पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि दंपती एक साल पहले ही गनेशा के घर में रहना शुरू किया था। कुछ समय तक रहने के बाद बाबा पर दबाव बना रहे थे कि जमीन जायदाद उनके नाम पर कर दे। लेकिन, गनेशा ने ऐसा करने से मना कर दिया। इसके बाद वे अपने घर रहने वापस चले गए। फिर षड्यंत्र रचते हुए बाबा की हत्या कर दी। पुलिस ने दोनों के खिलाफ कोर्ट में साक्ष्य प्रस्तुत किया। इस पर कोर्ट ने विचारण करते हुए दंपती को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। शासन की ओर से एजीपी उमेश शर्मा ने पक्ष रखा।