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आरक्षक पर हमला करने वाले मां-बेटों को अदालत ने सुनाई सजा

locationसतनाPublished: Jun 04, 2019 11:08:02 pm

Submitted by:

Vikrant Dubey

विशेष न्यायालय ने एक वर्ष के सश्रम कारावास से किया दंडित

allahabad High court

इलाहाबाद हाईकोर्ट

सतना. आरक्षक के साथ मारपीट करने वाले दो बेटों सहित मां को विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटीज अजीत सिंह की अदालत ने एक वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों को बारह-बारह सौ रुपए के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया। अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक एसएल कोष्टा ने कोर्ट में पक्ष रखा।
अभियोजन प्रवक्ता फखरुद्दीन ने बताया, उचेहरा थाना में पदस्थ आरक्षक 27 दिसंबर 2012 को न्यायालय के समंस की तामीली करवाने कारीमाटी खोह गए हुए थे। आरक्षक कारीमाटी में रंजीत शर्मा की दुकान के सामने जैसे ही पहुंचे वहां पर जुआं खेल रहे कुछ लोग उन्हें देखकर भाग खड़े हुए। जिसके बाद रंजीत शर्मा और उसका भाई प्रशांत शर्मा फरियादी दिनेश पनिका और मुकेश के पास पहुंचे। बोले, तुम्हें देखकर जुआरी भाग जाते हैं, इससे हमारा नुकसान होता है। इसके बाद प्रशांत और रंजीत मिलकर दिनेश और मुकेश के साथ लात, घूंसों से मारपीट करने लगे। इसी बीच रंजीत शर्मा की मां सुधा शर्मा भी मौके पर पहुंची। जिसने फरियादी दिनेश पनिका का कालर पकड़ खींचा और मारपीट किया।
फरियादी की शिकायत पर मामला कायम

मारपीट से फरियादी के होंठ, दांत और चेहरे पर चोट लगी। फरियादी की शिकायत पर पुलिस थाना उचेहरा में तीनों आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 186, 353, 352, 332, 294 और 3 (1) (10 ) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला कायम कर जांच शुरु की गई। जांच पूरी होने के बाद तीनों आरोपियों के खिलाफ विशेष कोर्ट में चालान पेश किया गया।
अदालत में अपराध प्रमाणित

कोर्ट ने विचारण के दौरान तीनों आरोपियों प्रशांत शर्मा पिता राजकुमार शर्मा उम्र 21, रंजीत कुमार शर्मा पिता राजकुमार शर्मा उम्र 23 और सुधा शर्मा पति राजकुमार शर्मा तीनों निवासी कारीमाटी थाना उचेहरा के खिलाफ अपराध प्रमाणित होना पाया। जिसके बाद कोर्ट ने मंगलवार दोपहर तीनों अभियुक्तों को भादवि की धारा 186 के तहत दो माह का सश्रम कारावास, दो सौ रुपए जुर्माना, धारा 332 के तहत एक वर्ष का सश्रम कारावास, पांच सौ रुपए जुर्माना, धारा 353 के तहत एक वर्ष का सश्रम कारावास, पांच सौ रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया। अर्थदण्ड की अदायगी के व्यतिक्रम होने पर पंद्रह दिन का अतिरिक्त सश्रम करावास भुगताने के भी कोर्ट ने आदेश दिए।
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