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success; बैंक ने नहीं दिया था लोन, बेटे ने राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतकर लिया पिता के अपमान का बदला

locationसतनाPublished: Jun 24, 2019 04:36:56 pm

Submitted by:

Sonelal kushwaha

कुमार सुरेंद्र सिंह 19वीं नेशनल स्पोर्ट पिस्टल चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल जीतने वाले अतुल सिंह का परिवार मध्य प्रदेश के छोटे से गांव में रहता है। पिस्टल खरीदने के पैसे नहीं थे। बैंक से लोन मांगने पर अधिकारियों ने पिता अमोल सिंह को अपमानित किया था।

Atul has won the bronze medal

Atul has won the bronze medal

सतना. राष्ट्रीयस्तर पर निशानेबाजी में पदक जीतकर नागौद के अतुल ने न सिर्फ जिले का गौरव बढ़ाया, बल्कि उन्होंने अपने पिता के अपमान का बदला भी ले लिया। उनके पिता अमोल सिंह सेना से रिटायर्ड हैं। बेटे का जुनून देखकर वे उसे पिस्टल भेंटकरना चाहते थे, ताकि वह निशानेबाजी की प्रेक्टिस कर सके। घर में रुपए न होने के कारण स्टेट बैंक की मुख्या शाखा में लोन के लिए आवेदन दिया, लेकिन वहां के प्रबंधक ने उन्हें अपमानित करके लौटा दिया था। अंतत: बैंक से लोन नहीं मिला, लेकिन उनके नि:शक्त बेटे ने पिता के सपनों को जिंदा रखा और सालभर के अंदर ही दिल्ली में हुई कुमार सुरेंद्र सिंह 19वीं नेशनल स्पोर्ट पिस्टल चैंपियनशिप में 25 मीटर दूर से निशाना साधकर ब्रांज मेडल जीतकर साबित किया जज्बे से हर मंजिल प्राप्त की जा सकती है। इसमें न नि:शक्ता बाधा बनती न ही संसाधनों का अभाव रोक पाता।
राष्ट्रीय प्रतियोगिता में मप्र का प्रतिनिधित्व
अतुल मूलत: नागौद ब्लॉक के ललचहा के रहने वाले हैं। वे राष्ट्रीय प्रतियोगिता में मप्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। इससे पहले भी नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। उन्हें बीएसएफ में निशक्त कोटे से नौकरी मिली है। निशानेबाजी की इस स्पर्धा में पिस्टल की श्रेणी से शामिल हुए और 25 मीटर मेन श्रेणी में निशाना साधकर तीसरा स्थाना प्राप्त किया।
फाड़कर फेंक दिया था आवेदन
रिटायर्ड सैनिक अमोल सिंह उस समय चर्चा में आए थे, जब उन्होंने कलेक्टर सतेंद्र सिंह को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया था कि उनका बेटा निशानेबाज है। राष्ट्रीय स्पर्धा की तैयारी के लिए उसे पिस्टल चाहिए। मैंने सेमरिया चौक स्थित एसबीआई की मेन ब्रांच में लोन के लिए आवेदन दिया, लेकिन बैंक अधिकारियों ने कर्जदार बताते हुए आवेदन फाड़कर फेंक दिया है।
भाई ने की थी डेढ़ लाख की मदद

अभद्रता भी की है। जबकि, अमोल के पास कोई कर्ज नहीं था। इसके बाद भी उन्हें न तो लोन दिया गया न ही शासन स्तर से कोई आर्थिक मदद मुहैया कराई गई थी। अतुल ने बताया कि घटनाक्रम के बाद भाई के सहयोग से डेढ़ लाख की पिस्टल खरीदी, जिसने पदक भी दिलाया।

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