सीएम को यह बताए गए तथ्य
सीएम को बताया गया कि योजना का पूरा नियंत्रण व पर्यवेक्षण उप संचालक के जिम्मे था। प्राप्त आवंटन राशि का पूरा आहरण व वितरण उन्होंने ही किया था। किसानवार खाते में राशि भेजी थी। गड़बड़ी के जिम्मेदार भी वहीं हैं। अब जांच भी दोषी उपसंचालक से ही कराई जा रही है। सवाल है कि पूर्व की जांच में उप संचालक को दोषी क्यों नहीं बनाया गया? वहीं राजनेताओं पर भी भुगतान कराने और जांच में लीपापोती का आरोप है।
सीएम को बताया गया कि योजना का पूरा नियंत्रण व पर्यवेक्षण उप संचालक के जिम्मे था। प्राप्त आवंटन राशि का पूरा आहरण व वितरण उन्होंने ही किया था। किसानवार खाते में राशि भेजी थी। गड़बड़ी के जिम्मेदार भी वहीं हैं। अब जांच भी दोषी उपसंचालक से ही कराई जा रही है। सवाल है कि पूर्व की जांच में उप संचालक को दोषी क्यों नहीं बनाया गया? वहीं राजनेताओं पर भी भुगतान कराने और जांच में लीपापोती का आरोप है।
यह थी कमेटी
इस मामले में फर्जीवाड़े के दोषी पाए गए ६ व्यापारियों की खरीदी की विस्तृत जांच करने के लिये जो कमेटी गठित की गई थी उसमें एसडीएम नागौद के नेतृत्व में उप संचालक किसान कल्याण, सहायक आपूर्ति अधिकारी जिला सतना, सहायक कोषालय अधिकारी जिला कोषालय, ओपी नामदेव कनिष्ठ अंकेक्षक म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय रीवा को शामिल किया गया था।
इस मामले में फर्जीवाड़े के दोषी पाए गए ६ व्यापारियों की खरीदी की विस्तृत जांच करने के लिये जो कमेटी गठित की गई थी उसमें एसडीएम नागौद के नेतृत्व में उप संचालक किसान कल्याण, सहायक आपूर्ति अधिकारी जिला सतना, सहायक कोषालय अधिकारी जिला कोषालय, ओपी नामदेव कनिष्ठ अंकेक्षक म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय रीवा को शामिल किया गया था।