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सवाई माधोपुर

बुखार ने उतार दिया दावों का खुमार

गंगापुरसिटी. राज्य सरकार चाहे आयुष चिकित्सा पद्धति को अपनाने पर जोर दे रही है, लेकिन कभी दवाइयों की कमी तो कभी अन्य समस्याएं आयुर्वेद को बढ़ावा देने में रोड़ा बनी हुई हैं। इससे आयुर्वेद के प्रति लोगों का रुझान नहीं बढ़ रहा है और यह पद्धति दबी पड़ी है।

सवाई माधोपुरSep 26, 2016 / 06:29 pm

Abhishek ojha

गंगापुरसिटी. राज्य सरकार चाहे आयुष चिकित्सा पद्धति को अपनाने पर जोर दे रही है, लेकिन कभी दवाइयों की कमी तो कभी अन्य समस्याएं आयुर्वेद को बढ़ावा देने में रोड़ा बनी हुई हैं। इससे आयुर्वेद के प्रति लोगों का रुझान नहीं बढ़ रहा है और यह पद्धति दबी पड़ी है। यह कमी इन दिनों डेंगू, चिकनगुनिया व अन्य मौसमी बीमारियों के दौर में अधिक भारी पडऩे लगी है। हाल यह है कि आयुर्वेदिक दवाइयों में अति साधारण माना जाने वाला काढ़ा तैयार करने के लिए क्वाथ तक उपलब्ध नहीं है। इन दिनों मौसमी बीमारियों के दौर में काढ़ा कारगर है, लेकिन इस साल लोगों को काढ़ा वितरित नहीं हो पा रहा है। इस स्थिति में उपचार के नाम पर आयुर्वेद विभाग पंगु बना है।
पिछले साल 30 हजार को वितरित

पिछली साल शहर के करीब तीस हजार लोगों को औषधीय काढ़ा वितरित किया गया था। शिविर लगाए गए थे। काढ़ा सेवन के लिए प्रचार-प्रचार भी किया था। इस साल क्वाथ के अभाव में कुछ नहीं हुआ। काढ़ा तैयार करने के लिए शुद्ध जल की जरूरत रहती है। औषधीय काढ़ा बीमारियों से बचाव के लिए काफी कारगर साबित हो रहा है। इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह चिकनगुनिया, डेंगू, मलेरिया आदि रोगों के लिए प्रमुख दवा है। आयुर्वेद औषधालयों को औषधीय काढ़ा तैयार करने के लिए अतिरिक्त बजट नहीं मिलता है। इसके बावजूद मौसमी बीमारियों का समय शुरू होने पर इसकी मांग अधिक होने लगती हैं लेकिन अधिकारी-कर्मचारी इस मांग को पूरा नहीं कर पाते। 
डेंगू व चिकनगुनिया का दंश

गंगापुरसिटी. इलाके में इन दिनों मौसमी बीमारियों ने पैर पसारे हैं। इनमें डेंगू व चिकनगुनिया बुखार के रोगी भी लगातार सामने आ रहे हैं। रेलवे चिकित्सालय में रोजाना 50 रोगी भर्ती हो रहे हैं। इनमें 90 प्रतिशत मरीज विभिन्न प्रकार के बुखार से पीडि़त होते हैं। चिकित्सालय में रविवार को 46 रोगी भर्ती थे। डॉ. विवेक रंजन ने बताया कि इन दिनों बुखार, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, पेट दर्द के मरीज अधिक आ रहे है। इन दिनों आउटडोर रोजाना 300 मरीजों का चल रहा है। पिछले दिनों मौसम में आए बदलाव से मौसमी बीमारियों के रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है। डॉ. रंजन ने बताया कि रविवार को भर्ती 46 रोगियों में से 44 रोगी डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और बायरल बुखार से पीडि़त थे। इनमें से 15 रोगियों को डेंगू पॉजिटव पाया गया । इधर, रेलवे चिकित्सालय में चिकनगुनिया की जांच की सुविधा नहीं होने से मरीजों को परेशानी हो रही है। कई रोगी निजी क्लिनिकों या दूसरे शहर में महंगे दामों पर बुखार की जांच करा रहे हैं। गौरतलब है कि रेलवे चिकित्सालय में रेलकर्मी व उनके परिजन उपचार कराने पहुंचते हैं। 
इस साल रसायनशाला में क्वाथ नहीं होने से काढ़ा तैयार नहीं हो सका। अलग से बजट भी नहीं मिलता है। पिछले साल करीब तीस हजार लोगों को काढ़ा वितरित किया था। इस साल कुछ नहीं कर पाए। 
मनोहरलाल शर्मा, चिकित्सा अधिकारी, आयुर्वेद औषधालय, गंगापुरसिटी।

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