तभी अचानक बबलू ने देखा कि इसी दौरान इमारत के नीचे चौकीदार की 12 साल की बेटी प्रभा और एक महिला दब रहे थे। चालीस साल का यह खिलाड़ी बबलू मार्टिन अपनी कोचिंग क्लास जा रहा था। हाउसिंग बोर्ड के सामने एक टपरे पर चाय पीने के लिए बबलू दोस्तों के साथ रुके। तभी अचानक बबलू ने देखा कि हाउसिंग बोर्ड की 3 मंजिला इमारत गिरने की कगार पर है।
नागरिकों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान बबलू मार्टिन को सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया है। यह वीरता के लिए भारतीय नागरिकों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। गणतंत्र दिवस से पहले गृह मंत्रालय ने इसकी घोषणा की है। ‘गौरतलब है कि अमरनाथ यात्रा के दौरान हुये आतंकी हमले का बहादुरी से सामना कर अपनी सूझबूझ से 52 तीर्थयात्रियों की जान बचाने वाले गुजराती बस चालक शेख सलीम गफूर को ‘उत्तम जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया गया है, जो वीरता के लिये नागरिकों को दिये जाने वाला दूसरा सर्वोच्च सम्मान है।
राज्यों की सरकारें प्रदान करती हैं जीवन रक्षा पदक श्रृंखला पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिए जाते हैं जिन्होंने मानवता का परिचय देते हुए किसी दूसरे व्यक्ति की प्राण रक्षा का महान कार्य किया हो। यह पुरस्कार तीन वर्गो – सर्वोतम जीवन रक्षा पदक, उत्तम जीवन रक्षा पदक और जीवन रक्षा पदक के रूप में दिए जाते हैं। जीवन के हर क्षेत्र के स्त्री और पुरुष, दोनों पुरस्कारों के पात्र हैं। पुरस्कार मरणोपरांत भी प्रदान किए जाते हैं। पुरस्कारों के तहत पदक, गृह मंत्री द्वारा हस्ताक्षरित प्रमाणपत्र और एकमुश्त नकद पुरस्कार दिए जाते हैं, जिन्हें उन राज्यों की सरकारें प्रदान करती हैं, जहां के पुरस्कृत व्यक्ति रहने वाले हैं।
डेढ़ घंटे से भी ज्यादा वक्त लगा वे दोनों मलबे के नीचे फंस गए। पानी में उसका सिर्फ सिर नजर आ रहा था। वो कुछ समय तक होश में था, लेकिन पास खड़ा एक नौजवान उसे निकालने में मदद करने के बजाय मोबाइल से वीडियो बना रहा था। मलबे से बाहर निकालने के लिये डेढ़ घंटे से भी ज्यादा वक्त लगा। जिस एम्बुलेंस में बबलू को ले जा रहा था उसमे उनके बड़े भाई और एक दोस्त के अलावा कोई भी डॉक्टर या वैद्यकीय कर्मचारी नहीं था।
तब तक हो गई देर तब तक देर हो गई, उसे मैहर से कटनी ले जाया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। क्रिकेट और फुटबॉल खेलता था बबलू मार्टिन क्रिकेट और फुटबॉल का खिलाड़ी था। उसने अपनी कोचिंग में नौजवानों को बताया था कि आखिर दम तक कोशिश करो, हार मत मानो। इस कोशिश में वो खुद भी आखिरी तक जुटा रहा। वो क्रिकेटर अजहर का फैन था।
छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के सदस्य थे बबलू बबलू छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के सदस्य थे। उन्होंने स्टेट क्रिकेट और फुटबाल टूर्नामेंट में सतना का प्रतिनिधित्व किया था। बबलू ने ‘शारदा क्रिकेट कोचिंग सेंटरÓ नामक एक कोचिंग सेंटर की भी स्थापना की थी, जिसमें वो बच्चो को मुफ्त में क्रिकेट सिखाते थे। बबलू एक ऐसे खिलाड़ी थे, जो क्रिकेट और फुटबाल दोनों में माहिर थे। वो मैहर स्पोर्टिंग क्लब में बच्चों को फु टबाल भी सिखाते थे।
35-40 लडकियां बबलू के मार्गदर्शन में खेलती नजर आने लगी बबलू ने मैहर में सबसे पहले लड़कियों को फुटबाल और क्रिकेट खेलने के लिए प्रेंरित किया। जहां पर लड़कियों ने कभी शौकिया भी फुटबॉल नहीं खेला था, वहीं 35-40 लडकियां बबलू के मार्गदर्शन में मैहर स्पोर्टिंग क्लब में फुटबाल खेलती नजर आने लगी थी। उनमे से एक लड़की जल्द ही स्टेट लेवल फुटबाल चैंपियनशिप में जिले का प्रतिनिधित्व करने वाली है।
खेलने के लिए हमेशा प्रेरित किया जब भी मैहर के अलावा अन्य जगह मैच होती थी तब बबलू बच्चो को खेल का सारा सामान खरीदने के लिए अपनी जेब से पैसे दे देता। भारत में बच्चों को पढा़ई पर ध्यान देने के लिए कहा जाता है, लेकिन बबलू ने उन्हें खेलने के लिए हमेशा प्रेरित किया। बबलू की मां अभी भी सदमे में है। उनके दो बच्चे, 6 साल का वैभव और 4 साल का अहम, अभी भी सोचते है कि पिता किसी टूर्नामेंट के लिए बाहर गए है और जल्द ही वापस आएंगे।
44 व्यक्तियों को जीवन रक्षा पदक पुरस्कार – 2017
राष्ट्रपति ने 44 व्यक्तियों को जीवन रक्षा पदक पुरस्कार – 2017 प्रदान किए जाने को मंजूरी दी है। इनमें से 7 लोगों को सर्वोतम जीवन रक्षा पदक, 13 को उत्तम जीवन रक्षा पदक और 24 को जीवन रक्षा पदक प्रदान किए जाएंगे। 7 पुरस्कार मरणोपरांत दिए जायेंगे।
राष्ट्रपति ने 44 व्यक्तियों को जीवन रक्षा पदक पुरस्कार – 2017 प्रदान किए जाने को मंजूरी दी है। इनमें से 7 लोगों को सर्वोतम जीवन रक्षा पदक, 13 को उत्तम जीवन रक्षा पदक और 24 को जीवन रक्षा पदक प्रदान किए जाएंगे। 7 पुरस्कार मरणोपरांत दिए जायेंगे।
सर्वोतम जीवन रक्षा पदक 1. एफ लालछंदमा (मरणोपरांत), मिजोरम 2. बबलू मार्टिन (मरणोपरांत), मध्य प्रदेश 3. के पुगाजेन्डी (मरणोपरांत), पुडुचेरी 4. सुप्रीत राठी (मरणोपरांत), दिल्ली 5. दीपक साहू (मरणोपरांत), मध्य प्रदेश
6. सत्यवीर (मरणोपरांत), दिल्ली 7. बसंत वर्मा (मरणोपरांत), मध्य प्रदेश उत्तम जीवन रक्षा पदक 1. शेख सलीम गफ़ूर, गुजरात 2. रवि गोर्ले, आंध्र प्रदेश 3. राजेंद्र तुकाराम गुरव, महाराष्ट्र
4. सुनीम अहमद खान, जम्मू और कश्मीर 5. बी. लल्तलंगथंगा, मिजोरम 6. लियानमिंगथंगा, मिजोरम 7. पंकज महंता, ओडिशा 8. अमीन मोहम्मद, केरल 9. भानु चंद्र पांडेय, महाराष्ट्र 10. रीना पटेल, मध्य प्रदेश
11. सुजन सिंह, हिमाचल प्रदेश 12. सत्येन सिंह, कर्नाटक 13. मास्टर ज़ोनुंतलुआंगा, मिजोरम जीवन रक्षा पदक 1. हरिओम सिंह बैस, मध्य प्रदेश 2. अबिन चाको, केरल 3. कुमारी ममता दलाई, ओडिशा
4. मास्टर अभय दास, केरल 5. मास्टर चिरायु गुप्ता, उत्तर प्रदेश 6. गायुस जेम्स, अंडमान और निकोबार 7. मास्टर स्टीफन जोसेफ, केरल 8. मास्टर हरिश के. एच., केरल 9. मास्टर निशांत के. यू., कर्नाटक
10. प्रदीप कुमार, दिल्ली 11. सचिन कुमार, उत्तर प्रदेश 12. मास्टर जॉन लालदितसाक, मणिपुर 13. प्रवीण कुमार मिश्रा, मध्य प्रदेश 14. मदन मोहन, पंजाब 15. राजेश्री आर. नायर, केरल
16. नरेंदर, मध्य प्रदेश 17. मास्टर तांबे प्रणय राहुल, महाराष्ट्र 18. सौरभ सिंह राजपूत, मध्य प्रदेश 19. निम्मा वीरा वेंकट रामन, आंध्र प्रदेश 20. कुमारी यामिनी साहू, छत्तीसगढ़ 21. प्रभाकर गंगाधर साठे, महाराष्ट्र
22. सुरेंद्र शर्मा, मध्य प्रदेश 23. पुरन मल वर्मा, पश्चिम बंगाल 24. मास्टर जायरेंतलुआंगा, मिजोरम