एसपी राजेश हिंगणकर का कहना है, करीब दो घंटे तक फायरिंग के दौरान जब दस्यु दल घने जंगल और अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला तो पुलिस उसके ठिकाने तक पहुंची। गहराई में बनी एक खोह से खाने पीने का सामान मिला है, जो दस्यु बबुली गिरोह छोड़ कर भागा है। दोनों राज्यों की पुलिस की ओर से हुई फयरिंग में एक डकैत के जख्मी होने की आशंका है। अब पुलिस ने अपना घेरा बढ़ा दिया है।
उधर, डकैतों को प्रसाद पहुंचाने वाले कथित पुजारी उर्फ अच्छे लाल धोबी को शुक्रवार को जेल भेज दिया गया। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। बता दें कि गुरुवार को पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर कथित पुजारी अच्छेलाल को गिरफ्तार किया था।
मप्र की ओर से एसपी की अपनी टीम के साथ धारकुण्डी थाना प्रभारी एएल सिंह की टीम रही। उधर, उप्र पुलिस की ओर से एसपी के साथ मारकुण्डी, मानिकपुर और बहिलपुरवा थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ रहे। बेधक के जंगल में सेहवा नाला और बेधक नाले के नजदीक चार जगहों पर सुबह से ही पुलिस पार्टियां एम्बुस लगाए बैठी थीं। जब सटीक लोकेशन गिरोह का मिला तो घेराबंदी कर अपराह्न करीब ३ बजे फायरिंग शुरू कर दी गई थी। जवाब में डकैतों ने भी फायरिंग की।
दस्यु उन्मूलन अभियान में काम कर रहे पुलिस सूत्रों का कहना है कि डकैत बबुली कोल को घेरने के लिए सतना एसपी राजेश हिंगणकर और कर्वी एसपी प्रताप गोपेन्द्र की साझा रणनीति तय होने के बाद शुक्रवार की सुबह से ही बेधक जंगल में घेराबंदी शुरू कर दी थी। एसपी हिंगणकर अपनी टीम के साथ पहाड़ से नीचे की ओर पहुंचे और दूसरी ओर से एसपी कर्वी के साथ उनकी टीम आई। चार जगहों से घेरने के बाद जब पुलिस बबुली की मांद के नजदीक पहुंची तो डकैतों की ओर से गोली चल गई।
रीवा जोन के पुलिस महानिरीक्षक उमेश जोगा शनिवार को सतना आएंगे। बताया गया है कि सतना पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एसपी सतना समेत, रीवा और कर्वी एसपी भी मौजूद रहेंगे। वहां आईजी रीवा दस्यु बबुली गिरोह के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को लेकर खास बात करेंगे। इस साझा अभियान को मजबूती के साथ कैसे आगे बढ़ाना है? यह रणनीति तय की जाएगी।
डकैत बबुली के बारे में बताया जाता है कि अकसर वह बेधक के जंगल में छिपता है। उसके पीछे कारण है कि जंगल बहुत घना है और वहां पहुंचने के रास्ते आसान नहीं हैं। अगर, जानकारी न हो तो पहुंचना मुश्किल होता है। इस बार पुलिस उसके ठीहे तक पहुंचने में कामयाब रही है। इसके पीछे कारण सतना एसपी राजेश हिंगणकर की रणनीति है। वे विगत 16 दिनों से तराई में डेरा डाले हुए हैं। मुखबिर व विभाग के जानकार पुलिसकर्मियों के संपर्क में हैं। इसका फायदा रहा कि वे बबुली के छिपे स्थान तक पहुंच गए।